'मंगल मिशन 2020' की दिशा में चीन को मिली ये बड़ी सफलता...

चीन ने मंगल गृह की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। मंगल गृह तक पहुँचने के लिए चीन ने शुक्रवार को देश के नए और सबसे बड़े रॅाकेट 'लॉन्ग मार्च 5' के जरिये सबसे भारी और सर्वाधिक अत्याधुनिक संचार उपग्रह (satellite) का सफल प्रक्षेपण किया। चीन का दावा है कि यह राकेट दुनिया के सबसे शक्तिशाली प्रक्षेपण करने लायक है।

Update: 2019-12-28 06:55 GMT

चीन (China) ने मंगल गृह की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। मंगल गृह तक पहुँचने के लिए चीन ने शुक्रवार को देश के नए और सबसे बड़े रॅाकेट 'लॉन्ग मार्च 5' (Long march-5 ) के जरिये सबसे भारी और सर्वाधिक अत्याधुनिक संचार उपग्रह (satellite) का सफल प्रक्षेपण किया। चीन का दावा है कि यह राकेट दुनिया के सबसे शक्तिशाली प्रक्षेपण करने लायक है।

मंगल के लिए सबसे भारी सैटेलाइट का सफल प्रक्षेपण:

इन दिनों दुनिया के सभी देशों का लक्ष्य मंगल ग्रह है। वहां तक पहुँचने और उसपर जन जीवन तलाश में लगे वैज्ञानिक राकेट व सैटेलाइट में नई तकनीकी का विकास करने में लगे हैं। वहीं इसी कड़ी में चीन ने शुक्रवार को बड़ा और सफल प्रक्षेपण किया। चीन ने बीती शाम 'लॉन्ग मार्च 5' राकेट को मंगल के लिए लांच किया। इस राकेट के जरिये अब तक का चीन का सबसे ज्यादा वजह उठाने में सक्षम सैटेलाइट का सफल प्रक्षेपण किया गया।

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लॉन्ग मार्च 5 राकेट के जरिये भेजा गया सैटेलाइट

इस मिशन के जरिये भविष्य में अन्तरिक्ष में कई संवेदनशील अभियान संचालित किया जा सकेंगे। यह प्रक्षेपण साल 2020 में मंगल ग्रह के लिए चीन का एक बड़ा कदम है। जानकारी के मुताबिक़, तीसरे लॉन्ग मार्च 5 राकेट, शिजियान-20 देर रात सफलतापूर्वक अपनी कक्षा में प्रवेश कर चुका है।

525 टन वजन ले जाने में सक्षम

बता दें कि यह राकेट दुनिया के सबसे शक्तिशाली प्रक्षेपण में शुमार है, जो अगले साल मंगल ग्रह में चीन की महत्त्वकांक्षी योजनाओं के लिए अहम हिस्सा बनेगा। 'लॉन्ग मार्च-5 525 टन वजन ले जाने में सक्षम है।

इस बारे में चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन के उप प्रमुख वु यानहुआ ने एक वीडियो जारी कर बताया, 'लॉन्ग मार्च 5 को महत्वपूर्ण काम सौंपा गया है।' उन्होंने कहा, 'इसे मंगल पर चीन के पहले यान, चंद्रमा पर चांग' ई-5 मिशन और मानवयुक्त अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक मुख्य मॉड्यूल के प्रक्षेपण समेत इसे मुख्य मिशनों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।'

पहले हो चुका है चीन का प्रक्षेपण असफल:

गौरतलब है कि इससे पहले जुलाई 2017 में चीन का प्रक्षेपण बीच में ही असफल हो गया था। वहीं पहले 'लॉन्ग मार्च 5 वाई2' को शिजिंयांग 18 प्रयोगात्मक संचार उपग्रह को कक्षा में स्थापित करना था, लेकिन यह सफल नहीं हो सका था। चीन ने इससे पहले 'लॉन्ग मार्च 5' का नवंबर 2016 में सफल प्रक्षेपण किया था। उस समय चीन ने कहा था कि यह उसके द्वारा विकसित सबसे शक्तिशाली प्रक्षेपक है।

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