Votes to select a patriot: एक अदद देशभक्त की तलाश में, यहां हो रहा है अनोखे चुनाव का मतदान
हांगकांग के निवासियों के मतदान के बाद चुनी गई ये समिति दिसंबर में होने वाले चुनाव के दौरान शहर की विधायिका के लिए 90 में से 40 सांसदों का चयन करेगी, साथ ही अगले साल मार्च में होने वाले चुनाव के दौरान हांगकांग के नेता का चुनाव करेगी।
Votes to select a patriot: सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर लग रहा होगा। लेकिन आपके पड़ोसी मुल्क चीन के एक शहर हांगकांग की व्यवस्था को चलाने के लिए ऐसा होने जा रहा है। यहां के निवासियों ने रविवार को चुनाव समिति के सदस्यों को चुनने के लिए मतदान किया है। समिति के ये चुने गए सदस्य शहर के देशभक्त नेता का चुनाव करेंगे।
हांगकांग के निवासियों के मतदान के बाद चुनी गई ये समिति दिसंबर में होने वाले चुनाव के दौरान शहर की विधायिका के लिए 90 में से 40 सांसदों का चयन करेगी, साथ ही अगले साल मार्च में होने वाले चुनाव के दौरान हांगकांग के नेता का चुनाव करेगी।
चीन के प्रति निष्ठावान लोगों की उम्मीदवारी सुनिश्चित करने वाला अपनी तरह का यह पहला चुनाव है। इस चुनाव को बदले हुए कानूनों के तहत कराया जा रहा है।
गौरतलब है कि पिछले मई माह में विधायिका ने यह सुनिश्चित करने के लिए हांगकांग के चुनावी कानूनों में संशोधन किया था कि केवल 'देशभक्त' लोग जो चीन के प्रति वफादार हैं वही हांगकांग शहर पर शासन करेंगे। इसके लिए चुनाव समिति को भी 1200 से बढ़ाकर 1500 सदस्यों तक कर दिया गया है। इसके अलावा समिति की सीटों के लिए प्रत्यक्ष मतदाताओं की संख्या दो लाख 46 हजार से घटाकर आठ हजार तक कम कर दी गई है।
बताया जाता है कि यह परिवर्तन 2019 में बड़े पैमाने पर लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शन के बाद हांगकांग के नागरिक समाज पर की जाने वाली एक व्यापक कार्रवाई का हिस्सा है।
अधिकारियों ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा लगाए गए एक व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के साथ शहर पर नियंत्रण कड़ा कर दिया है, जिसने सरकार के विरोध को प्रभावी ढंग से अपराध बना दिया है। यानी अब हांगकांग में विरोध का स्वर उठाने वाले के साथ अपराधी की तरह बर्ताव किया जाएगा। हांगकांग के कानूनों में हुए इन व्यापक परिवर्तनों ने कई नागरिक संगठनों को भंग करने के लिए मजबूर कर दिया है। ऐसे तमाम संगठनों के नेताओं को गिरफ्तार भी किया गया है।
हालांकि इतने सख्त प्रावधानों का विरोध भी हो रहा है। आलोचकों का कहना है कि नये परिवर्तन स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करते हैं। हांगकांग से वादा किया गया था कि वह 1997 में औपनिवेशिक ब्रिटेन से चीन को क्षेत्र के हैंडओवर के बाद 50 वर्षों तक बनाए रख सकता है।
यूनियनों की कोई ज़रूरत नहीं है?
नये कानूनों के मुताबिक अब य़ूनियनों की कोई जरूरत नहीं रह गई है। हांगकांग के सबसे बड़े विपक्षी ट्रेड यूनियन ने रविवार को कहा कि वह अपने सदस्यों की सुरक्षा के लिए चिंताओं से मुक्त हो गए हैं।