China Investment in India: भारत से दोस्ती करना चाहता है चीन! मोटा पैसा लगाने की कोशिश, सीमा संबंध सुधारने की गुहार

China Investment in India: चीन चूंकि अपने आर्थिक साम्राज्य को लगातार बढ़ाने में जुटा हुआ है सो वह भारत की संभावनाओं से फायदा उठाने के लिए अब भारत में और भी निवेश करने की कोशिश कर रहा है।

Update:2023-07-15 13:54 IST
China to Invest in India (Photo: Social Media)

China Investment in India: व्यापारिक संबंधों की मधुरता के बावजूद भारत और चीन के अन्य रिश्ते कड़वे बने हुए हैं। चीन चूंकि अपने आर्थिक साम्राज्य को लगातार बढ़ाने में जुटा हुआ है सो वह भारत की संभावनाओं से फायदा उठाने के लिए अब भारत में और भी निवेश करने की कोशिश कर रहा है। भारत ने जिस तरह चीनी कंपनियों पर शिकंजा कसा है, उससे चीन घबरा गया है और अब सीमा विवाद सुलझाने की बातें करने लगा है।

एक अरब डॉलर की प्लानिंग

इस क्रम में चीनी वाहन निर्माता "बीवाईडी" ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) और बैटरी के लिए विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने के लिए 1 बिलियन डॉलर का महत्वपूर्ण निवेश प्रस्ताव रखा है। ईवी और बैटरी उत्पादन में बीवाईडी अपनी विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है। हालांकि ये चीनी कंपनी पहले से ही भारत में मौजूद है और अपनी "आटो 3" इलेक्ट्रिक एसयूवी और "ई6" इलेक्ट्रिक सेडान के साथ कॉर्पोरेट बेड़े को सेवाएं दे रही है। कंपनी का लक्ष्य इस साल के अंत में भारत में अपनी पहली मास-मार्केट इलेक्ट्रिक कार लॉन्च करना है।

भारत चीन व्यापार

यहां उल्लेख कर दें कि इस साल की पहली छमाही में भारत को चीन का निर्यात पिछले साल के 57.51 अरब डॉलर की तुलना में 0.9 प्रतिशत की गिरावट के साथ 56.53 अरब डॉलर रहा है। इसी अवधि के दौरान चीन को भारत का निर्यात पिछले वर्ष के 9.57 बिलियन डॉलर की तुलना में कुल 9.49 बिलियन डॉलर रहा।

सीमा विवाद पर द्विपक्षीय तनाव के बावजूद हाल के वर्षों में देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार तेजी से बढ़ा है। इसे इस परिप्रेक्ष्य में देखना चाहिए कि चीन के समग्र विदेशी व्यापार में लगभग पांच प्रतिशत की गिरावट आई क्योंकि इसकी अर्थव्यवस्था अभी भी कोरोना संकट से उबरने के लिए संघर्ष कर रही है।

बात बीवाईडी की

अपनी निवेश योजनाओं को साकार करने के लिए, बीवाईडी ने हैदराबाद स्थित कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ साझेदारी की है, और भारतीय नियामकों को एक संयुक्त उद्यम प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। इनका कहना है कि दोनों का सहयोग भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के स्थानीय उत्पादन को सक्षम करेगा, रोजगार सृजन में योगदान देगा और देश की ईवी विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देगा। बात चाहे जो हो, बीवाईडी कंपनी का लक्ष्य दुनिया के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल बाजारों में से एक में मजबूत पकड़ स्थापित करना है।

संबंध सुधारने की कोशिश

चीन अपने आर्थिक हितों के लिए अब भारत से संबंध सुधारने की बात करने लगा है। जकार्ता में आसियान की बैठक के मौके पर चीन के एक शीर्ष राजनयिक वांग यी ने विदेश मंत्री जयशंकर से "साझा हितों" पर ध्यान केंद्रित करने और दोनों पड़ोसियों के बीच सीमा तनाव को कम करने के लिए मिलने का आग्रह किया। वांग ने कहा कि चीन और भारत के साझा हित स्पष्ट रूप से उनके मतभेदों से अधिक हैं। दोनों पक्षों को एक-दूसरे पर संदेह करने के बजाय एक-दूसरे का समर्थन करना चाहिए। वांग ने कहा, "उम्मीद है कि भारतीय पक्ष चीन से आधे रास्ते में मुलाकात करेगा और सीमा मुद्दे का ऐसा समाधान ढूंढेगा जो दोनों पक्षों को स्वीकार्य हो।" उन्होंने कहा कि चीन, चीनी कंपनियों के खिलाफ भारत के हालिया प्रतिबंधात्मक उपायों से अत्यधिक चिंतित है। उन्होंने भारत से "निष्पक्ष, पारदर्शी और गैर-भेदभावपूर्ण कारोबारी माहौल प्रदान करने का आग्रह किया।"

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