कोेरोना की स्ट्रेन डाली जाएगी शरीर में, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की सामने आई ये रिसर्च
कोविड को दो डोज लगने के बाद भी कई लोगों को कोरोना दोबारा जकड़ रहा है। हालाकिं वैक्सीन लगवा चुके लोगों पर फिर इसका असर कुछ कम दिखाई देता है।
लंदन। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस को हराने के लिए वैक्सीन लगाने का कार्य जारी है। कोविड को दो डोज लगने के बाद भी कई लोगों को कोरोना दोबारा जकड़ रहा है। हालाकिं वैक्सीन लगवा चुके लोगों पर फिर इसका असर कुछ कम दिखाई देता है। ऐसे में अब वैक्सीन को पहले से ज्यादा असरदार बनाने के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने नए सिरे से तैयारियां शुरू कर दी हैं।
इस रिसर्च के चलते ऐसे लोगों के शरीर मे ज़िदा वायरस डाला जाएगा जो पहले कोरोना से ठीक हो चुके हैं। आपको बता दें कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने ही एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर कोरोना की वैक्सीन तैयार की है, जिसे भारत में कोवाशिल्ड के नाम से जाना जाता है।
सूत्रों से सामने आई खबर के मुताबिक, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों को ऐसे 64 स्वस्थ वॉलेंटियर की तलाश है जो पहले कोरोना को हरा चुके हैं। साथ ही इसके लिए लोगों की उम्र 18-30 साल के बीच होनी चाहिए।
शरीर में कोरोना की स्ट्रेन
इस बारे में यूनिवर्सिटी के मुताबिक, इन सभी लोगों के शरीर में कोरोना वायरस की वुहान स्ट्रेन डाली जाएगी। आपको बता दें कि साल 2019 में कोरोना वायस के शुरुआती मामले सबसे पहले चीन के वुहान शहर में ही आए थे। जिसके बाद पूरी दुनिया इसकी चपेट में आ गई।
ऐसे में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी मुताबिक, जिन 64 लोगों में कोरोना वायरस की स्ट्रेन दोबारा डाली जाएगी, उन्हें 17 दिनों तक क्वारंटीन में रखा जाएगा। ये भी कहा जा रहा है कि कुछ महीनों में ही इस स्टडी की रिपोर्ट आ जाएगी। इसके परिणामों से वैज्ञानिकों को और असरदार वैक्सीन बनाने में मदद मिलेगी।
वहीं ये भी पता चलेगा कि कितने दिनों में दोबारा किसी मरीज़ में कोरोना वायरस का संक्रमण हो रहा है। साथ ही एक रिसर्च से पता चला है कि 10 प्रतिशत वयस्कों में कोरोना का दोबारा संक्रमण हो रहा है। इस पर ऑक्सफोर्ड ने कहा है कि अध्ययन के तहत ये पता लगाया जाएगा कि कोई शख्स दोबारा औसतन कितने दिनों बाद वायरस से संक्रमित हो रहा है।