आ गई कोरोना की दवा: 108 लोग हुए ठीक, नहीं है साइड इफेक्ट का भी खतरा

चीन की इस कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर मेडिकल जर्नल द लेनसेट में रिपोर्ट छापी गई है। मीडिया से सामने आई खबर के अनुसार, रिसर्चर्स ने कई लैब में वैक्सीन को लेकर अध्ययन किया है।

Update: 2020-05-23 05:53 GMT

नई दिल्ली। चीन से कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर बड़ी और खुशी की खबर आ रही है। चीन ने इस वैक्सीन का ट्रायल 108 लोगों पर किया था। वैक्सीन के ट्रायल के समय पता चला कि ये वैक्सीन कोरोना वायरस से लड़ने के लिए शरीर में इम्यून रेस्पॉन्स उत्पन्न करती है।

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लैब में वैक्सीन को लेकर अध्ययन

बता दें, चीन की इस कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर मेडिकल जर्नल द लेनसेट में रिपोर्ट छापी गई है। मीडिया से सामने आई खबर के अनुसार, रिसर्चर्स ने कई लैब में वैक्सीन को लेकर अध्ययन किया है।

ऐसे में चीन की Ad5 वैक्सीन को CanSino कंपनी ने तैयार किया है। इस वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से तैयार कोरोना वैक्सीन और अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना की वैक्सीन से आगे समझा जा रहा है। इस साल के शुरू में ही चीन की वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू हो गया था।

लेकिन चीन की कोरोना वैक्सीन के कुछ साइड इफेक्ट्स भी सामने आ रहे हैं। जैसे कि शरीर में दर्द और बुखार। हालांकि ये साइड इफेक्ट्स एक महीने के अंदर खत्म हो गए। वैक्सीन से कोई गंभीर खतरा पैदा नहीं हुआ।

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वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल

अध्ययन में पता चला कि वैक्सीन लगाए जाने के लगभग 28 दिन बाद व्यक्ति के शरीर में इम्यून रेस्पॉन्स सबसे अधिक था। आपको बता दें कि इस समय दुनिया के अलग-अलग देशों में मेडिकल साइंटिस्ट्स की लगभग 100 टीमें वैक्सीन की तलाश करने में जुटी हुई हैं।

इसके साथ ही Pfizer, BioNTech और CanSino जैसी कंपनियां कोरोना वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू कर चुकी हैं। अमेरिका के स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग ने गुरुवार को कहा था कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन तैयार करने के लिए दवा कंपनी AstraZeneca को 1.2 बिलियन डॉलर तक की राशि दी जाएगी।

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बंदरों को कोरोना संक्रमित होने से बचा लिया

वहीं बीते सोमवार को अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना ने कोरोना वैक्सीन के पहले राउंड के ट्रायल की जानकारी दी थी। पहले ट्रायल में 8 लोगों को वैक्सीन दी गई थी।

इस कंपनी ने कहा था कि वैक्सीन सुरक्षित मालूम पड़ती है और इम्यून रेस्पॉन्स पैदा करती है। बीते बुधवार को बोस्टन के रिसर्चर्स ने कहा था कि एक वैक्सीन प्रोटोटाइप ने बंदरों को कोरोना संक्रमित होने से बचा लिया।

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