इन दस देशों के पास कोरोना से लड़ने के लिए नहीं हैं एक भी वेंटिलेटर!

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि अफ्रीका कोरोना वायरस महामारी का अगला केंद्र बन सकता है। इस अंदेश के पीछे हाल के कुछ दिनों में तेजी से कोरोना के मामले बढ़ने को वजह बताया गया है। 

Update: 2020-04-20 08:32 GMT

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि अफ्रीका कोरोना वायरस महामारी का अगला केंद्र बन सकता है। इस अंदेश के पीछे हाल के कुछ दिनों में तेजी से कोरोना के मामले बढ़ने को वजह बताया गया है।

डब्ल्यूएचओ अफ्रीका क्षेत्र के निदेशक मत्सीदिसो मोइती ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीका, नाइजीरिया, आइवरी कोस्ट, कैमरून और घाना में राजधानी शहरों से दूरदराज के इलाकों में तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं।

यूएन इकोनॉमिक कमिशन फॉर अफ्रीका ने चेतावनी दी है कि महाद्वीप में कम से कम 3 लाख लोगों की मौत हो सकती है। कमिशन ने कोरोना से लड़ने के लिए 100 बिलियन डॉलर की रकम की भी मांग की है।

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इन दस देशों के पास एक भी वेंतिलेटर नहीं

अफ्रीका का बड़ा हिस्सा पहले से गरीबी से जूझ रहा है। लेकिन यूएन का कहना है कि कोरोना की वजह से 3 करोड़ लोग गरीब हो सकते हैं।

अफ्रीका में संक्रमण के 19 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और एक हजार लोगों की मौत भी हो चुकी है।

वहीं, कोरोना वायरस के इलाज में बेहद जरूरी मेडिकल यंत्र वेंटिलेटर की भी अफ्रीकी देशों में काफी कमी है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अफ्रीका के 10 देश ऐसे हैं जहां अस्पतालों में एक भी वेंटिलेटर नहीं हैं। बता दें कि अफ्रीका महाद्वीप में 55 देश हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, 41 अफ्रीकी देशों में करोड़ों लोगों की आबादी के लिए कुल वेंटिलेटर की संख्या सिर्फ 2 हजार है। वहीं, अकेले अमेरिका में 1 लाख 70 हजार वेंटिलेटर हैं।

डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा है कि अफ्रीका के 55 देशों में से 43 देशों में कुल मिलाकर सिर्फ 5 हजार आईसीयू बेड हैं। यानी कि हर 10 लाख लोगों पर सिर्फ 5 बेड। जबकि यूरोप में हर 10 लाख लोगों पर 4000 आईसीयू बेड हैं।

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