Coronavirus New Variant: अलर्ट हो जाएं, ओमीक्रान से डरना जरूरी है, अभी इसका असली चेहरा भी नहीं पता

Coronavirus New Variant: साउथ अफ्रीका के शोधकर्ता नए वेरियंट की पड़ताल में लगे हुए हैं और कई टीमें ये जानने की कोशिश कर रही हैं कि अचानक साउथ अफ्रीका के कुछ हिस्सों में कोरोना के केस क्यों बढ़ते जा रहे हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-11-28 20:10 IST

त्योहारों के मौसम में सबसे जरूरी है कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना (social media)

Coronavirus New Variant in India : कोरोना वायरस के नये वेरियंट ओमीक्रान (Omicron) से निपटने के लिए तमाम देश जुटे हुए हैं। अभी तक इस वेरियंट (new variant of covid-19) के बारे में सिर्फ इतना पता है कि इसमें कोरोना वायरस के सभी ज्ञात वेरियंट (variant of concern) का मिक्सचर है। लेकिन ये कितना घातक है इस बारे में कुछ पता नहीं है।

वैज्ञानिक इस वेरियंट को समझने में दिनरात जुटे हुए हैं कि ये कितना संक्रामक है, वैक्सी नेशन से पैदा इम्यूनिटी का इस पर क्या असर है, ये कितना घातक है और सबसे अहम बात ये कि ये वेरियंट आया कहां से है। ये सब जानकारी हासिल करने में वक्त लगेगा और तब तक बहुत धैर्य रखने की जरूरत है।

टेस्टिंग में नहीं आता ये वेरियंट (Kya Hai Coronavirus New Variant)

साउथ अफ्रीका के शोधकर्ता नए वेरियंट की पड़ताल में लगे हुए हैं और कई टीमें ये जानने की कोशिश कर रही हैं कि अचानक साउथ अफ्रीका के कुछ हिस्सों में कोरोना के केस क्यों बढ़ते जा रहे हैं। एक निजी लैब ने तो ये देखा है कि रूटीन आरटीपीसीआर टेस्ट बहुत से मामलों में कोरोना वायरस का एक महत्वपूर्ण हिस्से 'एस' जीन को पकड़ नहीं पा रहा है।

ये स्थिति पहले अल्फा वेरियंट के साथ भी देखी गई थी। जब इस लैब ने इन आठ वायरसों की सीक्वेंसिंग की तो पता चला कि इनका जीनोम इतना ज्यादा म्यूटेट हो चुका था कि टेस्ट में एस जीन का पता ही नहीं चल रहा था।


ये जानकारी सरकार को मिली और सरकार ने डब्लूएचओ से ये साझा की। इसके बाद से हड़कंप मचा हुआ है। ऐसा वेरियंट जो टेस्ट में भी न पकड़ में आये वह कितना खतरनाक हो सकता है, ये आसानी से समझा जा सकता है।

स्पाइक प्रोटीन गायब (corona ke naye variant ke lakshan)

ओमीक्रान से चिंतित होने की एक वजह ये है कि इसकी सीक्वेंसिंग से ये पता चला है कि इस वेरियंट ने साउथ अफ्रीका में व्याप्त अन्य सभी वेरियंट्स को तेजी से रिप्लेस कर दिया है। एस जीन का पता न लग पाना दिखाता है कि ओमीक्रान किस तेजी से बढ़ रहा है।

चिंता की एक अन्य बात ये है कि ओमीक्रान का जीनोम बहुत जटिल और कन्फ्यूजिंग है। वुहान में मिले ओरिजनल वायरस के स्पाइक प्रोटीन की तुलना में इसके एमिनो एसिड में 30 तरह की भिन्नताएं हैं। इसके अलावा जीनोम में तीन जगहों से स्पाइक प्रोटीन गायब हो गया है और एक नई जगह ये प्रगट हो गए हैं। यही नहीं, अन्य प्रोटीनों में भी बदलाव आ गए हैं।

वायरस का स्पाइक प्रोटीन ही मानव शरीर में कोशिकाओं से चिपक जाता है। ओमीक्रान के स्पाइक प्रोटीन में बहुत से बदलाव उन जगह हुए हैं जो कोशिकाओं में चिपकते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, यही सबसे परेशान करने वाली बात है क्योंकि इसका मतलब ये है कि नया वेरियंट मानव सेल्स में और ज्यादा चिपक सकता है।

नए वेरियंट में मानव एंटीबॉडी को चकमा देने की खूबी (corona ke naye variant ke lakshan)

ओऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के बायोलॉजिस्ट एरिस कास्टज़ोराकिस के अनुसार म्यूटेशन से वायरस की संक्रामकता प्रभावित होती है और नए वेरियंट में सभी म्यूटेशन मौजूद हैं।

सीक्वेंसिंग से ये भी पता चला है कि नए वेरियंट में मानव एंटीबॉडी को चकमा देने की खूबी हो सकती है। ई484के नामक म्यूटेशन में एंटीबॉडी को कमजोर करने की शक्ति है, ये बात पहले से पता है। लेकिन अब नए वेरियंट में भी 'ई484के' म्यूटेशन के अलावा एंटीबॉडी को प्रभावित करने वाले अन्य म्यूटेशन भी मौजूद हैं।

बहरहाल, नए वेरियंट के बारे में भले ही वैज्ञानिकों और स्वास्थ्यकर्मियों को बहुत कुछ पता नहीं है लेकिन जितनी भी जानकारी है उसके हिसाब से ये अभी तक का सबसे खतरनाक वेरियंट है। क्योंकि इसमें सभी वेरिएंट की बुराइयां मौजूद हैं।

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