Dementia: हर देश में बढ़ेंगे डिमेंशिया के मामले, 2050 तक तीन गुना हो जाएगी बढ़ोत्तरी

Dementia: डिमेंशिया के केस हर देश में बढ़ेंगे। सबसे कम वृद्धि उच्च आय वाले एशिया प्रशांत (53 फीसदी) और पश्चिमी यूरोप (74 फीसदी) में होने का अनुमान है।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2022-01-07 14:59 IST

डिमेंशिया के मामले (फोटो-सोशल मीडिया)

Dementia: विश्व स्तर पर वयस्कों में मनोभ्रंश यानी डिमेंशिया के मामले 2019 में करीब 57 मिलियन थे जो 2050 तक 153 मिलियन हो सकते हैं। ये वृद्धि जनसंख्या और ज्यादा उम्र वाली आबादी के बढ़ने की वजह से है। शोधकर्ताओं के अनुसार, डिमेंशिया की चार प्रमुख वजहें हैं - धूम्रपान, मोटापा, हाई ब्लड शुगर और कम शिक्षा। शोधकर्ताओं ने इन्हीं चार वजहों के आधार पर भविष्य के अनुमान लगाए हैं।

शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि वैश्विक शिक्षा पहुंच में सुधार करने से ही 62 लाख लोगों में डिमेंशिया के प्रसार को कम किया जा सकता है। लेकिन मोटापा, हाई ब्लड शुगर और धूम्रपान में जिस तरह बढ़ोतरी हो रही है उसके चलते डिमेंशिया के 68 लाख मामले और बढ़ जायेंगे। यानी सिर्फ शिक्षा के प्रसार से काम चलने वाला नहीं है।

डिमेंशिया के केस हर देश में बढ़ेंगे

अध्ययन से पता चलता है कि डिमेंशिया के केस हर देश में बढ़ेंगे। सबसे कम वृद्धि उच्च आय वाले एशिया प्रशांत (53 फीसदी) और पश्चिमी यूरोप (74 फीसदी) में होने का अनुमान है। अनुमानों के अनुसार सबसे बड़ी वृद्धि उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्व (367 फीसदी) और पूर्वी उप-सहारा अफ्रीका (357 फीसदी) में होगी।

यूके में डिमेंशिया के मामलों की संख्या में 75 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है। 2019 में यहाँ सिर्फ 907,000 मामले थे जो 2050 में बढ़ कर लगभग 16 लाख हो जायेंगे। पश्चिमी यूरोप में डिमेंशिया के मामलों की संख्या में लगभग 74 फीसदी की वृद्धि होने की आशंका है। 2019 में जहाँ 80 लाख मामले थे वहीँ 2050 में लगभग डेढ़ करोड़ हो जायेंगे।

फोटो-सोशल मीडिया

ग्रीस (45 फीसदी), इटली (56 फीसदी), फ़िनलैंड (58 फीसदी), स्वीडन (62 फीसदी) और जर्मनी (65 फीसदी) में मामलों में अपेक्षाकृत कम वृद्धि की उम्मीद है।

आक्रामक रोकथाम प्रयासों का आह्वान

ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी दुनिया भर के 195 देशों में 40 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वयस्कों के लिए पूर्वानुमान अनुमान प्रदान करने वाला पहला अनुमान है। विशेषज्ञ शिक्षा, आहार और व्यायाम जैसे जीवनशैली कारकों के माध्यम से डिमेंशिया के जोखिम को कम करने के लिए अधिक आक्रामक रोकथाम प्रयासों का आह्वान कर रहे हैं।

अमेरिका में वाशिंगटन विश्वविद्यालय में इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन के प्रमुख लेखक एम्मा निकोल्स ने कहा है कि हमारा अध्ययन वैश्विक स्तर के साथ-साथ देश स्तर पर डिमेंशिया के लिए बेहतर पूर्वानुमान प्रदान करता है, जिससे नीति निर्माताओं और सार्वजनिक स्वास्थ्य एक्सपर्ट्स को नई जानकारियां मिलती हैं।

उन्होंने कहा कि हमें डिमेंशिया पैदा करने वाले जोखिम कारकों की रोकथाम और नियंत्रण पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। सबसे बड़ा प्रभाव डालने के लिए हमें प्रत्येक देश में प्रमुख जोखिम कारकों को कम करने की आवश्यकता है।

दुनिया भर में, पुरुषों की तुलना में अधिक महिलाएं डिमेंशिया से प्रभावित हैं। 2019 में डिमेंशिया से पीड़ित महिलाओं की संख्या डिमेंशिया वाले पुरुषों से 100 से 69 तक अधिक थी, और यह पैटर्न 2050 में बने रहने की उम्मीद है। आईएचएमई के सह-लेखक डॉ जैमी स्टीनमेट्ज़ ने कहा है कि अल्जाइमर रोग पुरुषों की तुलना में महिलाओं के दिमाग में अलग-अलग हिस्सों में फैल सकता है।

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