Flooding In Europe: यूरोप में बारिश का कहर, बाढ़ से भारी तबाही, 1300 लोग लापता
Flooding In Europe: यूरोप में बारिश का ऐसा कहर है जो पिछले 100 साल में नहीं देखा गया। जर्मनी और बेल्जियम का सबसे बुरा हाल है।
Flooding In Europe: यूरोप में बारिश (Rain In Europe) का ऐसा कहर है जो पिछले 100 साल में नहीं देखा गया। सैकड़ों लोगों के मरने की आशंका है। सड़कें, मकान जमींदोज हो चुके हैं और पूरे के पूरे शहर जमीन में धंसते चले जा रहे हैं। जर्मनी (Germany) और बेल्जियम (Belgium) का सबसे बुरा हाल है, जर्मनी में ही 1300 से ज्यादा लोग लापता हैं। बाढ़ की चपेट में लग्जमबर्ग (Luxembourg) और नीदरलैंड (Netherlands) भी आए हैं।
बारिश और बाढ़ की वजह से ट्रांसपोर्ट सिस्टम (Transport System) ध्वस्त हो गया है, बिजली और इंटरनेट लाइनें टूट गई हैं। लोगों को भोजन और पानी की समस्या हो गई है। कई इलाकों में सड़कें बाह जाने के कारण राहत और बचाव कार्य भी नहीं हो पा रहा है। रिपोर्ट हैं कि जर्मनी के कई शहर बाढ़ और बारिश के कारण जमीन में धंसते जा रहे हैं और इन शहरों के अस्तित्व पर संकट आ गया है।
बाढ़ के चलते कई इमारतें धराशायी
जर्मनी की पुलिस के मुताबिक, अचानक बाढ़ आने से देश के पश्चिमी और दक्षिणी हिस्से में कई इमारतें ढह गई हैं। जर्मनी के मौसम विभाग के मुताबिक कुछ क्षेत्रों में पिछले 100 साल में इतनी ज्यादा बारिश नहीं हुई है। इसकी वजह से बाढ़ आ गई और कई इमारतें धराशायी हो गई हैं। सबसे ज्यादा बारिश बुधवार से गुरुवार के बीच हुई है। बताया जा रहा है कि इन इलाकों में 24 घंटे में 100 से लेकर 150 मिलीमीटर बारिश हुई है।
कोलोन में तो 24 घंटे में करीब 154 मिलीमीटर या 6 इंच बारिश हुई है। इतनी ज्यादा बारिश होने से इन इलाकों में अचानक से बाढ़ आ गई। बारिश तो कई दिनों से जारी थी लेकिन किसी को अचानक बाढ़ आने का अंदेशा नहीं था सो कोई तैयारी भी नहीं थी। इन इलाकों में बिल्डिंग भी ऊंचाई पर नहीं बनती हैं और ज्यादातर मकान आदि नदी के लेवल पर ही बने हैं। ऐसे में जब नदी उफनाई तो पानी इमारतों में घुसता चला गया। बहुत से लोग देखते देखते तेज धारा में बह गए।
रेलवे समेत कई सेवाएं हुईं प्रभावित
बाढ़ की वजह से जर्मनी के पड़ोसी देश बेल्जियम में रेलवे नेटवर्क समेत कई आवश्यक सेवाएं प्रभावित हुई हैं। बेल्जियम में भी बहुत इमारतें ध्वस्त हो गई हैं। बाढ़ आने की आशंका को देखते हुए नीदरलैंड के हेउगेम और रैंडवयक जिलों में लोगों को घरों से निकलकर सुरक्षित स्थानों पर जाने को कह दिया गया है। इस नदी में पानी तेजी से बढ़ रहा है और जल्द ही यह घरों के अंदर तक घुस सकता है।
जर्मनी में लोग अपने घरों की छतों पर फंसे हैं और मदद का इंतजार कर रहे हैं। अधिकारियों ने राहत एवं बचाव कार्य में नौकाओं और हेलीकॉप्टरों को लगाया है। जर्मनी की सेना ने राहत कार्य में मदद के लिए 200 सैनिकों को भेजा है।
कई जगहों पर भूस्खलन की घटना
लगातार बारिश की वजह से कुछ जगहों पर भूस्खलन भी हुआ है। अचानक आई बाढ़ से सैकड़ों वाहन बह गए हैं। चूंकि इन जगहों पर इमारतें ज्यादातर लकड़ी की बनी हैं सो इनको बहुत नुकसान पहुंचा है। संपत्ति के नुकसान का तो अभी कोई आंकलन ही नहीं हुआ है लेकिन तबाही के मंजर से लगता है कि बहुत व्यापक क्षति पहुंची है। जर्मनी में इस तरह की आफत पहली बार देखने को मिली है।
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