पाकिस्तान की तबाही शुरू: FATF में लगा तगड़ा झटका, नहीं दिया किसी ने साथ

फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) में फैसले से पहले पाकिस्तान को तगड़ा झटका लगा है। एफएटीएफ की मीटिंग में किसी देश ने पाकिस्तान का साथ दिया है। अब एफएटीएफ पाक के खिलाफ कड़ा ऐक्शन ले सकता है।

Update: 2023-08-15 17:37 GMT

नई दिल्ली: फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) में फैसले से पहले पाकिस्तान को तगड़ा झटका लगा है। एफएटीएफ की मीटिंग में किसी देश ने पाकिस्तान का साथ नहीं दिया। अब एफएटीएफ पाक के खिलाफ कड़ा ऐक्शन ले सकता है।

एफएटीएफ आतंकी फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग रोकने में फेल होने और आतंकियों व उनके संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करने पर पाकिस्तान को 'डार्क ग्रे' लिस्ट में डाल सकता है। एफएटीएफ की यह सुधरने के लिए आखिरी चेतावनी होगी। अगर इसके बाद भी पाक नहीं सुधरा तो उसे ब्लैकलिस्ट में डाल सकता है।

यह भी पढ़ें...हरियाणा चुनाव: उम्मीदवारों का लिस्ट, ये हैं सबसे अमीर, तो ये दागदार

एफएटीएफ की बैठक में शामिल होने वाले अधिकारियों के मुताबिक पाकिस्तान को आतंकियों के खिलाफ ठोस ऐक्शन नहीं लेने के लिए सभी सदस्य देशों द्वारा अलग-थलग कर दिया जाएगा।

पाकिस्तान 27 प्वाइंट में से सिर्फ 6 पर ही खरा उतरा है। अब एफएटीएफ इस देश पर कड़ा ऐक्शन ले सकता है। एफएटीएफ 18 अक्टूबर को पाकिस्तान पर आखिरी फैसला लेगा। एफएटीएफ की बैठक पेरिस में चल रही है।

यह भी पढ़ें...खुफिया जानकारी! फिर होगा ‘पुलवामा’, टॉप 3 आतंकी संगठनों की हुई मीटिंग

एफएटीएफ के नियमों के अनुसार ग्रे और ब्लैक लिस्ट के बीच डार्क ग्रे की भी कैटिगरी है। 'डार्क ग्रे' का मतलब है कड़ी चेतावनी, ताकि संबंधित देश को सुधार के लिए एक आखिरी मौका मिले।

ग्रे लिस्ट में है पाक

गौरतलब है कि एफएटीएफ ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला था और 27 प्वाइंट का ऐक्शन प्लान सौंपा था। पाकिस्तान को आतंकियों पर कार्रवाई के लिए एक साल का समय मिला था। जिसमें आतंकी फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई शामिल है।

यह भी पढ़ें...चुनाव: हरियाणा में गरजेंगे PM मोदी और शाह, महाराष्ट्र में हुंकार भरेंगे राहुल गांधी

जानिए क्या है एफएटीएफ?

एफएटीएफ एक अंतर-सरकारी संस्था है जिसका दफ्तर पेरिस में है। ये गैर-कानूनी आर्थिक मदद को रोकने के लिए नियम बनाता है। एफएटीएफ का गठन 1989 में हुआ था।

Tags:    

Similar News