कभी पॉर्पकॉन, कभी मधुमक्खी के छ्त्ता की तरह लगा सूरज,वैज्ञानिकों ने ली पहली तस्वीर

30 किमी के क्षेत्र को कवर किया टेलिस्कोप ने सूर्य के 15 करोड़ किमी है पृथ्वी की सूर्य से दूरी ।वैज्ञानिकों ने पहली बार सूर्य की सबसे स्पष्ट तस्वीरें खींची हैं। इन्हें हवाई के नैशनल साइंस फाउंडेशन (एनएसएफ) के डेनियल के इनौय टेलिस्कोप (डीकेआईएसटी) से लिया गया है।वैज्ञानिकों ने पहली बार सूर्य की सबसे स्पष्ट तस्वीरें खींचने में कामयाबी हासिल की है। 

Update: 2020-01-31 05:38 GMT

हवाई, अमेरिका : 30 किमी के क्षेत्र को कवर किया टेलिस्कोप ने सूर्य के 15 करोड़ किमी है पृथ्वी की सूर्य से दूरी ।वैज्ञानिकों ने पहली बार सूर्य की सबसे स्पष्ट तस्वीरें खींची हैं। इन्हें हवाई के नैशनल साइंस फाउंडेशन (एनएसएफ) के डेनियल के इनौय टेलिस्कोप (डीकेआईएसटी) से लिया गया है। वैज्ञानिकों ने पहली बार सूर्य की सबसे स्पष्ट तस्वीरें खींचने में कामयाबी हासिल की है।

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इन्हें हवाई के नेशनल साइंस फाउंडेशन (एनएसएफ) के डेनियल के इनौय टेलिस्कोप (डीकेआईएसटी) से लिया गया है। इसमें सूर्य की सतह ग्रेन्यूलर स्ट्रक्चर (दानेदार) की तरह दिख रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि हर दाना आकार में फ्रांस से बड़ा है। टेलिस्कोप ने सूर्य के 30 किलोमीटर के क्षेत्र को कवर किया। हवाई में एक पहाड़ के शिखर पर टेलिस्कोप स्थापित किया गया है।

सूर्य की पृथ्वी से दूरी करीब 15 करोड़ किमी है। तस्वीरों में सूर्य की सतह की कोशिका जैसी संरचना नजर आ रही है। हर सेल के बीच सैकड़ों किलोमीटर की दूरी है। डीकेआईएसटी के निदेशक थॉमस रिममेले ने बताया, "यह तस्वीर सूर्य की सतह पर मौजूद संरचनाओं को दिखाती है।" इसका वीडियो भी जारी किया गया है, जिसमें सूर्य में होने वाले विस्फोट को 14 सेकंड तक दिखाया गया है।



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इसमें सूर्य की सतह ग्रेन्यूलर स्ट्रक्चर (दानेदार) की तरह दिख रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि हर दाना आकार में फ्रांस से बड़ा है। तस्वीरों में सूर्य की सतह की कोशिका जैसी संरचना नजर आ रही है। हर सेल के बीच सैकड़ों किलोमीटर की दूरी है।



टेलिस्कोप नासा के पार्कर सोलर प्रोब के साथ काम करेगा, जो सूर्य की परिक्रमा कर रहा है। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी या नासा का सोलर ऑर्बिटर हमें सूरज के बारे में और ज्यादा जानने में मदद करता है- जैसे कॉस्मिक किरणें धरती को कैसे प्रभावित करती हैं। सूरज का कोरोना (केंद्र) सतह की तुलना में बहुत गर्म है। कोरोना का तापमान 10 लाख डिग्री केल्विन है, जबकि सतह ता तापमान लगभग 6000° केल्विन है।

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