France : फ्रेंच प्रेसिडेंट इमैनुएल मैक्रों को लिफाफे में भेजी गईं इंसान की कटी उंगलियां, मचा कोहराम

France News : फ्रांस में 14 जुलाई को 'बैस्टिल डे' मनाया जा रहा है। इससे ऐन पहले देश में हिंसक विरोध-प्रदर्शन देखने को मिले। अब खबर ये आई है कि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को इंसान की कटी हुई उंगलियां लिफाफे में भेजी गई हैं।

Update: 2023-07-14 12:13 GMT
इमैनुएल मैक्रों (Social Media)

France News : हॉलीवुड फिल्मों में कई ऐसे दृश्य देखकर आप सोचने को मजबूर हो जाते हैं कि, क्या ऐसा संभव है। जब हाथों की उंगलियां या शरीर का कोई हिस्सा काटकर किसी को पार्सल कर देते हैं। लेकिन, ऐसा हुआ है।फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (French President Emmanuel Macron) को किसी ने फर्स्ट क्लास पोस्ट के जरिए कटी उंगलियां भेजी हैं। जी हां, ये उंगली किसी जीवित इंसान की मानी जा रही हैं।

जानकारी के अनुसार, उंगलियों को एक लिफाफे में सोमवार को पेरिस स्थित एलिसी पैलेस (French President House) में भेजा गया था। राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास के एक सूत्र ने बताया, कि 'उंगलियों को शुरुआत में फ्रिज में रखा गया था। जहां पुलिस अपने स्नैक्स रखती है। ताकि, ये खराब ना हों। जितना जल्दी हो सके इनकी जांच की जा सके।'

'जिंदा इंसान' की हैं उंगलियां

मिरर यूके की रिपोर्ट (Mirror UK Report) के मुताबिक, 'जब जांच की गई तो पता चला कि उंगलियां किसी 'जिंदा इंसान' की हैं। इसकी मेडिकल रिपोर्ट भी तैयार की गई है।' हालांकि, पार्सल में केवल उंगलियां भेजी गई थीं। इसके साथ, कोई नोट या चिट्ठी आदि नहीं मिली। इससे जांचकर्ता हैरत में हैं। सूत्रों के अनुसार, कहा गया कि उंगलियां जिसकी हैं, उससे संपर्क किया गया। उसे पूरा मेडिकल सपोर्ट भी दिया गया है। हालांकि, मेडिकल गोपनीयता (Medical Privacy) के चलते उसकी पहचान नहीं बताई जा सकती।

कोई इंसानी उंगलियां क्यों भेजेगा?

अभी ये स्पष्ट नहीं है कि राष्ट्रपति मैक्रों को भला कोई कटी हुई इंसानी उंगलियां क्यों भेजेगा? इससे पहले भी कई नेताओं को पार्सल के जरिए गोलियां आदि भेजी जा चुकी हैं। लेकिन, ऐसा पहली बार हुआ है, जब कटी हुई उंगलियां भेजी गईं। राष्ट्रपति मैक्रों को ये पार्सल ऐसे समय भेजा गया है, जब वो तमाम घरेलू कई परेशानियों का सामना कर रहे हैं। देश में हाल में ही हिंसक वारदात देखने को मिली। दरअसल, एक 17 वर्ष के लड़के की पुलिस ने हत्या के बाद प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए थे। उन्होंने जगह-जगह आग लगा दी। दुकानों में जमकर लूटपाट की।

सुरक्षा एजेंसियों ने दी चेतावनी

राष्ट्रपति मैक्रों ने देशवासियों से तमाम अपील करते हुए कहा है कि, न्याय को अपना काम करने दीजिए। बावजूद, इसके लोग उनकी एक बात सुनने को तैयार नहीं थे। वहीं, 14 जुलाई को भी काफी सावधानी बरती जा रही है। दरअसल, फ्रांस 14 जुलाई को 'बैस्टिल डे' अर्थात अपना राष्ट्रीय दिवस मना रहा है। इसका आयोजन राजधानी पेरिस में हो रहा है। भारतीय प्रधानमंत्री मोदी इसके मुख्य अतिथि हैं। इंटेलिजेंस की तरफ से चेतावनी दी गई है कि प्रदर्शनकारी फ्रांस के 'राष्ट्रीय दिवस' को निशाना बना सकते हैं।

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