इस्लाम पर नया कानून: इस देश में हो गया लागू, जाने इसके बारे में पूरी डीटेल
फ्रांस में जो यह नया बिल पास किया गया है दरअसल यह इन इस्लामिक कट्टरपंथियों पर लगाम रखने के लिए किया गया है। फ्रेंच के प्रधानमंत्री जीन कासटेक्स का कहना है कि यह बिल किसी मुस्लिम धर्म के खिलाफ नहीं है। बल्कि अलगाववादी मुस्लिम सोच के खिलाफ है।
फ्रांस : इस बुधवार को फ्रांस ने नए कानून का फरमान जारी कर दिया है। आपको बता दें कि बुधवार को फ्रांसीसी संसद ने विवादित सेपरेटिजम बिल का ड्राफ्ट पेश कर दिया है। आपको बता दें कि इस बिल को विवादित क्यों बोला गया है। क्योंकि इस बिल में इस्लामिक कट्टरता का वार तेजी से हो रहा था। आपको बता दें कि इस बिल पर मुस्लिम समुदाय के लोग काफी हल्ला मचाए हुए हैं।
यह बिल अलगाववादी मुस्लिम सोच के है खिलाफ
फ्रांस में हर साल कई आतंकी हमले हुए है। और यह हमले रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। आपको बता दें कि ये सारे हमले इस्लामिक कट्टरपंथियों की वजह से हुए हैं। फ्रांस में जो यह नया बिल पास किया गया है दरअसल यह इन इस्लामिक कट्टरपंथियों पर लगाम रखने के लिए किया गया है। फ्रेंच के प्रधानमंत्री जीन कासटेक्स का कहना है कि यह बिल किसी मुस्लिम धर्म के खिलाफ नहीं है। बल्कि अलगाववादी मुस्लिम सोच के खिलाफ है।
फ्रांस में सबसे ज्यादा रहते हैं मुस्लिम आबादी के लोग
आपको बता दें कि फ्रांस में बल्कि पूरे यूरोप में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी रहती है। आपको बता दें कि 2019 में फ्रांस की कुल जनसंख्या करीब 6. 7 करोड़ की थी। आपको बता दें कि जिसमें 65 लाख की आबादी के लोग मुस्लिम समुदाय से थे। देश में सबसे अधिक सुन्नी और बहुल की आबादी के लोग है। जो फ्रांस की संस्कृति के बीच ही अपनी आबादी को बनाए हुए हैं। इससे वो डरे हुए है कि कहीं उनकी धार्मिक आजादी को कोई खतरा न हो जाए।
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धर्म को लेकर बढ़ी कट्टरता
फ्रांस में यूरोपियन देशों में सबसे बड़ी आबादी मुस्लिम होने के बाद भी यहां दो खेमे हो चुके हैं। आपको बता दें कि यहां एक खेमा मुस्लिम समाज को सपोर्ट कर रहा है और दूसरा खेमा फ्रांस के मूल निवासी को सपोर्ट कर रहा है। यहां के मूल निवासी इस्लाम को बढ़ने से अपने खात्मे को देख रहा है। आपको बता दें कि इस देश में 2500 मस्जिदें हैं। आपको बता दें कि यह मुस्लिम आबादी 9 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करती है।
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