पाकिस्तान हुआ बर्बाद: इस देश ने उठाया ऐसा कदम, अरब सागर में पड़ा कमजोर
जर्मनी ने पाकिस्तान को उसकी पनडुब्बियों के आधुनिकीकरण में मदद देने से साफ इनकार कर दिया है। पाकिस्तानी नौसेना की पनडुब्बियों की क्षमता पर बहुत बुरा असर पडेगा।
नई दिल्ली: फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की चेतावनी को अनसुना करना पाकिस्तान को एक बार फिर महंगा पड़ गया। दरअसल जर्मनी ने पाकिस्तान को उसकी पनडुब्बियों के आधुनिकीकरण में मदद देने से साफ इनकार कर दिया है। जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल की अध्यक्षता वाली फेडरल सिक्योरिटी काउंसिल ने तय किया है कि जर्मनी पाकिस्तान की पनडुब्बियों के लिए एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (एआईपी) सिस्टम्स नहीं देगा।
अरब सागर में और कमजोर होगा पाकिस्तान
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक जर्मनी का पाकिस्तान को दिया ये झटका पाकिस्तानी नौसेना की पनडुब्बियों की क्षमता पर बहुत बुरा असर डालेगा। जर्मनी ने पाकिस्तान को ये झटका इसलिए दिया है क्योंकि वो अभी तक जर्मन दूतावास पर हुए आतंकी हमले के अपराधियों को सजा नहीं दे सका है। 2017 में काबुल में जर्मन दूतावास की इमारत पर हुए आतंकी हमले में 150 लोग मारे गए थे। आतंकी हमले में हक्कानी नेटवर्क का हाथ माना गया था जो पाकिस्तान में पूरी तरह एक्टिव है।
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क्या है एपीआई
एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन से पनडुब्बियों की वायुमंडलीय हवा पर निर्भरता कम होती है। सामान्य तौर पर पारंपरिक डीजल इलेक्ट्रिक इंजन वाली पनडुब्बियों को इंजन के लिए जरूरी ऑक्सीजन के लिए रोजाना सतह पर आना पड़ता है। ऐसे में दुश्मन उसका आसानी से पता लगा सकता है। एआईपी सिस्टम की खासियत ये है कि इसके जरिये कोई भी पनडुब्बी बिना वायुमंडलीय हवा के भी एक हफ्ते तक चल सकती है। इस दौरान कोई पनडुब्बी को सतह पर आने की जरूरत नहीं पड़ती।
भारतीय नौसेना के पास है एपीआई सिस्टम
भारत की नौसेना के पास देश में ही विकसित किया गया अपना एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन यानी एआईपी है। इसे नेवल मेटीरियल रिसर्च लेबोरेटरी ने डवलप किया था।
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पाक की कवायद
पाकिस्तान ने पिछले दशक की शुरुआत में एआईपी तकनीक से लैस टाइप 214 पनडुब्बियों की खरीद की कवायद शुरू की थी। बाद में कारोबारी मतभेदों के चलते पाकिस्तान ने इस खरीद प्रक्रिया की खत्म कर दिया था। इसके बदले में पाक ने चीन के साथ कथित तौर पर एआईपी तकनीक से लैस आठ टाइप039 पनडुब्बियों की खरीद का फैसला किया। अप्रैल 2015 में इसके लिए मंजूरी दे दी गई।
चीन से मिलने वाली टाइप039 पनडुब्बियों में से पहली चार का निर्माण जहां चाइना शिपबिल्डिंग एंड ऑफशोर इंटरनेशनल कंपनी करेगी। वहीं बाकी चार को कराची शिपयार्ड एंड इंजीनियरिंग वर्क करेगी। अगस्त 2016 में पाक नौसेना के चीफ प्रोजेक्ट ऑफिसर ने कहा था कि चीन से चार पनडुब्बियां 2022-23 तक आ जाएंगी। वहीं शेष चार 2028 तक पाक नौसेना को हासिल होंगी।
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