यहां मुस्लिम शवों के साथ ऐसा किया गया, आरोप इस्लाम के उल्लंघन का

कोरोना वायरस से संक्रमित दो मुस्लिमों के शवों को लेकर बड़ी खबर आ रही है। श्रीलंका में कोरोना से संक्रमित 2 मुस्लिमों के शवों को जबरदस्ती दाह संस्कार किया जा रहा है जिससे अल्पसंख्यक समुदाय में डर बढ़ने लगा है।

Update: 2020-04-04 07:41 GMT
यहां मुस्लिम शवों के साथ ऐसा किया गया, आरोप इस्लाम के उल्लंघन का

नई दिल्ली : कोरोना वायरस से संक्रमित दो मुस्लिमों के शवों को लेकर बड़ी खबर आ रही है। श्रीलंका में कोरोना से संक्रमित 2 मुस्लिमों के शवों को जबरदस्ती दाह संस्कार किया जा रहा है जिससे अल्पसंख्यक समुदाय में डर बढ़ने लगा है। इस भयावह महामारी के चलते यहां के आला अधिकारियों पर इस्लाम में तय दफन संस्कारों का उल्लंघन करने का आरोप लगा है।

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अंतिम संस्कार इस्लामिक प्रक्रिया नहीं

श्रीलंका के कोलंबो में 73 साल के बिशरुफ हाफी मोहम्मद कोरोना वायरस से मरने वाले दूसरे ऐसे शख्स थे, जिनका अंतिम संस्कार इस्लामिक प्रक्रिया की जरिए नहीं किया गया है। बिशरुफ के शव को दफनाने की बजाय उनका शव जलाया गया।

मिली एक रिपोर्ट के अनुसार, मृतक के 46 वर्षीय बेटे फैयाज जुनूस ने बताया कि उनके पिता किडनी डिसऑर्डर से पीड़ित थे। दो सप्ताह पहले ही कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए जाने के बाद 1 अप्रैल को उनकी मौत हो गई थी।

इस पर फैयाज ने कहा, 'मेरे पिता के शव को पुलिस बल की देखरेख में एक वाहन में ले जाया गया और उनका अंतिम संस्कार किया गया। हमने मुर्दाघर के बाहर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की, लेकिन यह जनाजा नहीं था जैसा कि आमतौर पर मुस्लिम करते हैं'।

फैयाज ने बताया कि श्रीलंकाई सरकार को इस्लामिक दफन संस्कार के जरिए ही मुस्लिमों के लिए उनके प्रियजनों को दफनाने की व्यवस्था करनी चाहिए।

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शव को नहलाने या कॉफिन में रखने पर भी पाबंदी

उन्होंने कहा, 'अगर दफनाने के बजाए दूसरा कोई विकल्प है तो सरकार को समायोजित करना चाहिए। दाह संस्कार एकमात्र विकल्प नहीं है। हम अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार इस्लामी तरीके से ही करना चाहते हैं।'

आपको बता दें कि श्रीलंका के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को ही कोरोना वायरस से मरने वालों के अंतिम संस्कार को लेकर एक गाइडलाइन जारी की थी।

इस गाइडलाइन में कहा गया था कि कोरोना वायरस से मरने वाले सभी लोगों के शवों का दाह संस्कार किया जाना जरूरी है। इसमें दाह संस्कार से पहले शव को नहलाने या कॉफिन में रखने पर भी पाबंदी लगाई गई थी।

लेकिन सरकार के इस फैसले का कई मुस्लिम सामाजिक कार्यकर्ता और नेता विरोध कर रहे हैं। उन्होंने डब्ल्यूएचओ (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन) का हवाला देते हुए कहा कि संक्रमित लोगों के शवों को जलाया या दफनाया जा सकता है।

श्रीलंका में अभी तक कोरोना वायरस की चपेट में कुल 159 लोग आ चुके हैं। इनमें से 5 लोगों की मौत हो चुकी हैं जिनमें से दो मुस्लिम समुदाय के लोग थे।

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