जयपुर: एक अप्रैल को ये गाना सभी की जुबान पर रहता है 'अप्रैल फूल बनाया तो उसको गुस्सा आया, इसमें मेरा क्या कसूर जमाने की है भूल जिसने दस्तूर बनाया ' april fool यानि 1 अप्रैल। हर वर्ग के लोग इसका जमकर मजा लेते हैं। इस दिन आप बचकर रहिएगा, कहीं आप भी fool ना बन जाएं।
मुर्ख बनकर या बनाकर मनाते हैं मूर्ख दिवस
पढ़ाई कर रहीं भावनी सिंह का मानना है कि जरूरी नहीं है कि इस दिन आप किसी को मूर्ख बनाओ, मूर्ख बनने में भी उतना ही मजा आता है।-खुर्रमनगर में रहकर जॉब कर रहे रंजीत शाही का कहना है कि इस दिन उन्हें बहुत ही मजा आता है क्योंकि इस दिन कोई भी गलती कर लो लोगों को लगता है कि उन्हें मूर्ख बनाया जा रहा है।
हादसे को भी लिया था मजाक में
स्टूडेंट सोनम गुप्ता ने कहा कि 1 अप्रैल 2014 को उनका स्कूटी चलाते वक्त एक्सीडेंट हो गया था और उन्हें हल्की चोटें भी आई थी। उन्होंने जब अपने घर पर फोन किया तो घरवालों को लगा कि वो उन्हें मूर्ख बना रही है। वो अकेले ही घर आई तब घरवालों को पता चला कि सच में उनका एक्सीडेंट हुआ था।
अलग अलग कहानियां
मुर्ख दिवस को लेकर अलग अलग लोगों ने तरह तरह की कहानियां प्रस्तुत की हैं -बहुत पहले चीन में सनन्ती नामक एक संत थे, जिनकी दाढ़ी ज़मीन तक लम्बी थी। एक दिन उनकी दाढ़ी में अचानक आग लग गई तो वे बचाओ-बचाओ कह कर उछलने लगे। उन्हें इस तरह उछलते देख कर बच्चे जोर-जोर से हंसने लगे। तभी संत ने कहा, मैं तो मर रहा हूं, लेकिन तुम आज के ही दिन खूब हंसोगे, इतना कह कर उन्होंने प्राण त्याग दिए।
-बहुत पहले यूनान में मोक्सर नामक एक मजाकिया राजा था। एक दिन उसने स्वप्न में देखा कि किसी चींटी ने उसे जिंदा निगल लिया है। सुबह उसकी नींद टूटी तो स्वप्न ताजा हो गया। स्वप्न की बात पर वह जोर-जोर से हंसने लगा। रानी ने हंसने का कारण पूछा तो उसने बताया- ‘रात मैंने सपने में देखा कि एक चींटी ने मुझे ज़िन्दा निगल लिया है। सुन कर रानी भी हंसने लगी। तभी एक ज्योतिष ने आकर कहा, महाराज इस स्वप्न का अर्थ है- आज का दिन आप हंसी-मजाक व ठिठोली के साथ व्यतीत करें। उस दिन अप्रैल महीने की पहली तारीख थी। बस तब से लगातार एक हंसी-मजाक भरा दिन हर वर्ष मनाया जाने लगा।
-एक अन्य लोक कथा के अनुसार एक अप्सरा ने किसान से दोस्ती की और कहा- यदि तुम एक मटकी भर पानी एक ही सांस में पी जाओगे तो मैं तुम्हें वरदान दूंगी। मेहनतकश किसान ने तुरंत पानी से भरा मटका उठाया और पी गया। जब उसने वरदान वाली बात दोहराई तो अप्सरा बोली- ‘तुम बहुत भोल-भाले हो, आज से तुम्हें मैं यह वरदान देती हूं कि तुम अपनी चुटीली बातों द्वारा लोगों के बीच खूब हंसी-मजाक करोगे। अप्सरा का वरदान पाकर किसान ने लोगों को बहुत हंसाया, हंसने-हंसाने के कारण ही एक हंसी का पर्व जन्मा, जिसे हम मूर्ख दिवस के नाम से पुकारते हैं।
-कहावत है कि एक बार हास्य प्रेमी भारतेंदु हरिश्चंद्र ने बनारस में ढिंढोरा पिटवा दिया कि अमुक वैज्ञानिक अमुक समय पर चन्द्रमा और सूरज को धरती पर उतार कर दिखायेंगे। नियत समय पर लोगों की भीड़ इस अद्भुत करिश्मे को देखने को जमा हो गई। घंटों लोग इंतज़ार में बैठे रहे परन्तु वहां कोई वैज्ञानिक नहीं दिखायी दिया। उस दिन 1 अप्रैल था, लोग मूर्ख बन के वापस आ गए।
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अलग देशों का अनोखा ढंग
-चीन में april fool के दिन बैरंग पार्सल भेजने और मिठाई बांटने की परंपरा है। इस दिन यहां के बच्चे खूब हंसते हैं।
-यहां के लोग जंगली जानवर के मुखौटे पहनकर आने-जाने वाले लोगों को डराते हैं। कई लोग तो सच में जानवर समझ कर डर जाते हैं।
-रोम में april fool को 7 दिनों तक मनाया जाता है और चीन की भांति बैरंग पार्सल भेज कर मूर्ख बनाया जाता है।
-जापान में बच्चे पतंग पर इनामी घोषणा लिख कर उड़ाते हैं। पतंग पकड़ कर इनाम मांगने वाला april fool बन जाता है।
-इंग्लैंड में april fool के दिन अत्यंत मनोरंजक एवं रोचक कार्यक्रम होते हैं। इस कार्यक्रम में मूर्खता भरे गीत गाकर लोगों को मूर्ख बनाया जाता है।
-स्कॉटलैंड में april fool को ‘हंटिंग द कूल’ के नाम से जाना जाता है। मुर्गा चुराना यहां की विशेष परंपरा है। मुर्गे का मालिक भी इसका बुरा नहीं मानता। किसी का मुर्गा चुराकर मजा लूटना यहां के लोगों का april fool मनाने का तरीका तो है ही, साथ ही नए-नए तरीके ढूंढ़ कर एक-दूसरे को भी बेवकूफ बनाते हैं। स्पेन में इस परंपरा की शुरुआत यहां के पूर्व राजा ‘माउंटोबेट’ ने की थी। इस दिन बहुत हंसी-मजाक का कार्यक्रम चलता है। झूठे इतिहास पर इनाम भी दिया जाता है।
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-इतिहास पारंपरिक तौर पर कुछ देशों जैसे न्यूजीलैंड, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में इस तरह के मजाक केवल दोपहर तक ही किये जाते हैं, और अगर कोई दोपहर के बाद किसी तरह की कोशिश करता है तो उसे april fool कहा जाता है। ऐसा इसीलिये किया जाता है क्योंकि ब्रिटेन के अखबार जो april fool पर मुख्य पृष्ठ निकालते हैं, वे ऐसा सिर्फ पहले (सुबह के) एडिशन के लिए ही करते हैं।