सबसे ठंडा ज्वालामुखी: आग नहीं उगलता है बर्फ, जम जाता है खौलता पानी भी

कभी ऐसे ज्वालामुखी के बारे में सुना है, जिसमे ज्वाला ही नहीं। कजाकिस्तान में एक ऐसा ज्वालामुखी है, जो गर्म से गर्म पानी को भी बर्फ बना सकता है।

Update:2021-02-10 18:55 IST

लखनऊ: गर्म और आग उगलने वाले ज्वालामुखी के बारे में तो आपने सुना या पढ़ा होगा लेकिन क्या कभी ऐसे ज्वालामुखी के बारे में पता चला, जिसमे ज्वाला ही नहीं। कजाकिस्तान में एक ऐसा ही ज्वालामुखी है, जिसमे आग नहीं और न ही लावा निकल सकता है, बल्कि वो इतना ठंडा है कि गर्म से गर्म पानी को भी बर्फ बना सकता है।

कजाकिस्तान का बर्फीला ज्वालामुखी/आइस वोल्कैनो

दरअसल, कजाकिस्तान के अल्माटी प्रांत में ऐसा ही एक अजब और रहस्यमयी ज्वालामुखी है। अजब कहने की वजह ये है कि अन्य वोल्कैनो या ज्वालामुखी से अलग इसमें आग नहीं बल्कि ठंड और बर्फ होती है। वहीं इसी वजह से ये रहस्यमयी भी है। चूँकि ये बर्फ से ढका हुआ है इसलिए इसे आइस वोल्कैनो भी कहते हैं।

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45 फीट ऊंचा बर्फ का टीला

आइस वोल्कैनो अल्माटी प्रांत के केगन और शरगानक गांव के बीच स्थित है, जो करीब 45 फीट ऊंचा बर्फ का टीला जैसा है। आइस वोल्कैनो की सबसे खास बात ये है कि इसमें खौलता हुआ पानी बाहर निकल रहा है जो तुरंत बर्फ में तब्दील हो जाता है। इस अजीबोगरीब ज्वालामुखी को देखने के लिए बेहद सर्द मौसम में सैकड़ों पर्यटक नूर सुल्ताना पहुंचते हैं, जहां से चार घंटे की दूरी उभरा हुआ बना है।

खौलता पानी बर्फ बन जाता है ज्वालामुखी में

बता दें कि इस तरह के अजब ज्वालामुखी बर्फ की चट्टानों के बीच जमीन में हलचल के कारण बनते हैं। इन ज्वालामुखी के लिए कम तापमान और तीन फीट तक बर्फ जमा होना आवश्यक होता है।

 

होता यूं है कि जब धरती में हलचल के बाद गर्म पानी सतह से फव्वारे के रूप में ऊपर की ओर आता है तो अधिक ठंड में जम जाता है। ऐसे में गर्म लावा निकलने की प्रक्रिया तो जारी रहती है लेकिन आसपास बर्फ जमा होने लगती है और ये बर्फीला ज्वालामुखी बन जाता है।

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