भारत की बड़ी जीत: अमेरिका ने चीन-पाकिस्तान को लगाई फटकार, ये है वजह
अमेरिका ने पाकिस्तान और चीन में धार्मिक स्वतंत्रता के अतिक्रमण को लेकर गंभीर चिंता जताई है। इस सूची में चीन और पाकिस्तान के अलावा अन्य 8 देश और हैं, जहां धार्मिक स्वतंत्रता के अतिक्रमण पर सवाल उठते रहे।
वाशिंगटन : भारत-चीन के सीमा विवाद को लेकर अमेरिका ने भी चीन पर शिंकजा कसा है। अमेरिका ने सोमवार को चीन के 14 वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया, जिनमें एक तिब्बती भी शामिल है। हांगकांग की स्वायत्तता पर बीजिंग के अधिकारियों पर लगाए गए प्रतिबंधों के साथ अमेरिका ने चीन और पाकिस्तान को धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में भी घेरा है। अमेरिका ने पाकिस्तान और चीन में धार्मिक स्वतंत्रता के अतिक्रमण को लेकर गंभीर चिंता जताई है। इस सूची में चीन और पाकिस्तान के अलावा अन्य 8 देश और हैं, जहां धार्मिक स्वतंत्रता के अतिक्रमण पर सवाल उठते रहे।
मानवाधिकार हनन के मामले
बता दें कि इससे पहले अमेरिका ने चीन के मुस्लिम बहुल शिनजियांग में उइगुर मुसलमानों के मानवाधिकार हनन के मामले में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया था। चीन पर पहले से ही उइगुर मुसलमानों के उत्पीड़न को लेकर गंभीर आरोप लगते रहे हैं।
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ज्यादती और जुल्मों पर सवाल
खास बात यह है कि भारत लगातार पाकिस्तान में हिंदूओं पर हो रहे ज्यादती और जुल्मों पर सवाल उठता रहा है। इस लिहाज से यह भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत है। अमेरिका के इस कदम से भारत की यह बात सही साबित हुई है कि पाकिस्तान में हिंदुओं का निरंतर उत्पीड़न और शोषण किया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इसमें चीन, पाकिस्तान, बर्मा, ईरान, नाइजीरिया, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और इरिट्रिया प्रमुख हैं। इस सूची में पांच एशियाई देश शामिल हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा है कि दुनिया के 10 मुल्कों पर 1998 के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत सीपीसी के रूप में नामित किया गया है। इसके तहत उन देशों को शामिल किया गया है, जो अपने यहां धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर उदासीन हैं ।
चीन में धार्मिक आजादी नहीं
पाकिस्तान में हर रोज अल्पसंख्यकों को दबाने का काम किया जा रहा है। कई बार पड़ोसी मुल्क से हिन्दू लड़कियों के अगवा होने, उनकी जबरन शादी कराने की खबरें सामने आती हैं। इसके अलावा भी पाकिस्तान में कई बार विदेशी मूल के लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया गया है। भारत की ओर से कई बार कूटनीतिक तरीके से भी इन मसलों को उठाया गया है।
चीन उइगर मुसलमानों के साथ चीन किस तरह का बर्ताव कर रहा है ये किसी से छुपा नहीं है। चीन में मुस्लिमों को धार्मिक आजादी नहीं दी जा रही है और एक तरह से कैंप में बंद किया गया है जहां जबरन मजदूरी कराई जाती है अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों ने पहले भी इस मसले पर चीन को चेताया है।
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पोम्पिओ ने कहा कि 2016 के फ्रैंक आर वुल्फ इंटरनेशनल धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत इसके अतिरिक्त कुछ आतंकवादी संगठनों को भी शामिल किया गया है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया भर में धार्मिक आधार पर उत्पीड़न और उनके साथ दुर्व्यवहारों की घोर निंदा करता है। उन्होंने कहा कि दुनिया में इस भेदभाव के खिलाफ अमेरिका अपना अभियान जारी रखेगा।