चीन की सोची समझी साजिश: भारत से इसलिए बढ़ा रहा तनाव, ये है असली वजह

भारत और चीन के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद से तनाव जारी है। भारत को चीन बार-बार उकसाने की कोशिश कर रहा है। उसने एक बार फिर घुसपैठ की कोशिश की जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया है।

Update: 2020-09-01 14:17 GMT
पैंगोंग इलाके में घुसपैठ में नाकाम होने के बाद अब चीन बातचीत का राग अलाप रहा है। लेकिन चीन की इस साजिश के पीछे बड़ी वजह है।

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद से तनाव जारी है। भारत को चीन बार-बार उकसाने की कोशिश कर रहा है। उसने एक बार फिर घुसपैठ की कोशिश की जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया है। पैंगोंग इलाके में घुसपैठ में नाकाम होने के बाद अब चीन बातचीत का राग अलाप रहा है। लेकिन चीन की इस साजिश के पीछे बड़ी वजह है।

चीन में इस समय भुखमरी के हालात हैं जिसे छिपाने के लिए ड्रैगन जंग की आड़ लेना चाहता है। यह उस समय ही पता चल गया था जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अगस्त में क्लीन योर प्लेट अभियान की शुरुआत की थी।

खाने की कमी की मार झेल रहा चीन उग्र राष्ट्रवाद का सहारा लेने के लिए भारत से बार-बार उलझ रहा है। इन्ही वजहों से चीन साउथ चाइना सी में अप्रैल से लेकर अगस्त तक कम से कम 5 बार लाइव फायर ड्रिल की है। शी जिनपिंग की कम्युनिस्ट पार्टी जनता का ध्यान गरीबी और भुखमरी से हटाकर देशभक्ति और राष्ट्रवाद पर केंद्रित करना चाहती है।

भारतीय और चीनी सेना ( फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

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1962 में भी चीन में थी ऐसी भुखमरी

इससे पहले चीन ने भुखमरी से ध्यान हटाने के लिए चीन भारत के साथ सीमा विवाद को बढ़ाया था। 1962 में भी चीन में भयानक अकाल पड़ा था। उस समय चीन के सर्वोच्च नेता माओत्से तुंग ने भारत के साथ गैर बराबरी की जंग की शुरुआत की थी। उस दौरान चीन में हजारों लोगों की भूख से जान चली गई थी। लोगों की मौत और भूखमरी को लेकर उस समय तत्कालीन चीनी शासन के खिलाफ ग्रेट लीप फॉरवर्ड मूवमेंट चलाया था। अब फिर चीन के वुल्फ वॉरियर कहे जाने वाले राजनयिक और चीनी सेना कर रही है।

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खाद्यान की कमी को छिपा रहे जिनपिंग

कोरोना संकट की वजह से चीन में खाद्यान संकट गहरा गया है। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने के लिए 2013 के क्लीन योर प्लेट अभियान की फिर से शुरुआत की है। पश्चिमी देशों का भी मानना है कि चीन इस योजना की आड़ में खाद्य संकट को छिपाने में लगा है।

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चीन का दावा, खूब पैदा हुआ अनाज

चीनी कृषि मंत्रालय का कहना है कि चीन में 2019 में 664 मिलियन टन कुल अनाज की पैदावार हुई है। इसमें 210 मिलियन टन चावल और 134 मिलियन टन गेहूं है। चीन की सरकार का पिट्ठू मीडिया का दावा है कि देश में चावल की 143 मिलियन टन और गेहूं की खपत 125 मिलियन टन है। इसलिए चीन में कोई खाद्य संकट नहीं है।

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