Edible Oil : पाम ऑयल को लेकर इंडोनेशिया ने उठाया ऐसा कदम, भारत समेत पूरी दुनिया में बढ़ेंगी कीमतें

Palm Oil Crisis : इंडोनेशिया में पाम ऑयल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी होने के बाद राष्ट्रपति विडोडो ने शुक्रवार को 28 अप्रैल से पाम ऑयल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।

Report :  Bishwajeet Kumar
Update:2022-04-23 08:11 IST

Edible Oil (Image Credit : Social Media)

Indonesia Palm Oil Crisis : खाद्य तेल को लेकर इंडोनेशिया इस वक्त भारी कीमतों के परेशानी से जूझ रहा है जिसके कारण हाल ही में पाम ऑयल (Palm Oil) को लेकर इंडोनेशिया ने एक बड़ा फैसला लिया है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति विडोडो ने शुक्रवार को घोषणा किया कि 28 अप्रैल से पाम ऑयल के निर्यात पर इंडोनेशिया ने प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। अपने इस कदम पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने कहा घरेलू कीमतों में उछाल को नियंत्रित करने और घर पर खाद्य उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। एक वीडियो संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा "मैं इस नीति के कार्यान्वयन की निगरानी और मूल्यांकन करूंगा ताकि घरेलू बाजार में खाना पकाने के तेल की उपलब्धता प्रचुर और सस्ती हो जाए।"

पहले भी प्रतिबंध लगा चुका इंडोनेशिया

दुनिया में पाम ऑयल का सबसे बड़ा निर्यातक देश इंडोनेशिया ही है। देश में पाम ऑयल की बढ़ती कीमतों के कारण जनवरी के अंत में भी इंडोनेशिया ने पाम ऑयल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। हालांकि एक महीने बाद ही इंडोनेशिया ने अपने इस फैसले को वापस ले लिया था। इंडोनेशिया द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद दुनिया भर में पाम ऑयल की कीमतों में रिकॉर्ड स्तर की बढ़ोतरी देखी गई।

भारत पर फिर पड़ेगा प्रतिकूल प्रभाव

इंडोनेशिया द्वारा पाम ऑयल की निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद इसका बहुत बड़ा बुरा प्रभाव भारत पर भी पड़ेगा, क्योंकि भारत इंडोनेशिया से सबसे ज्यादा पाम ऑयल आयात करने वाले देशों में से एक है। गौरतलब है कि भारत अपने खाद्य तेलों के कुल मांग में लगभग 60% खाते दूसरे देशों से आयात करता है। अगर पाम ऑयल की बात करें तो भारत इंडोनेशिया से करीब 60% तक पाम ऑयल का निर्यात करता है। इंडोनेशिया पर आधे से अधिक पाम ऑयल की आपूर्ति का निर्भरता होने के कारण इंडोनेशिया द्वारा उठाए गए प्रतिबंध के फैसले का भारत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

बता दें भारत में बीते कुछ वक्त में खाद्य तेलों की कीमतों में 20 से 25% तक की वृद्धि हुई है और दक्षिण पूर्व एशियाई देश में संकट के कारण आने वाले वक्त में खाद्य तेलों की कीमतों में और बढ़ोतरी होने का उम्मीद है। कुछ साल पहले कि अगर आंकड़ों को देखें तो उस वक्त इंडोनेशिया से भारत करीब 65 फ़ीसदी तक पाम ऑयल आयात करता था, हालांकि बाद में इंडोनेशिया ने जब पाम ऑयल के आयात पर टैक्स बढ़ा दिया तो भारत पाम ऑयल का कुछ प्रतिशत निर्यात मलेशिया से भी करने लगा। आंकड़ों को देखें तो भारत में मार्च 2021 में कुल 9,57,633 टन खाद्य तेलों का आयात किया। वहीं मार्च 2021 तक खाद्य तेल का आयात 10 प्रतिशत तक बढ़कर कुल 10,51,698 टन तक पहुँच गया।

कीमतें पहुंची 22000 रुपये प्रति लीटर के पार

इंडोनेशिया में जो पाम ऑयल पहले बेहद सस्ते दरों पर मिल जाता था उसी पाम ऑयल की कीमत इंडोनेशिया की मुद्रा में आज 22000 रुपये प्रति लीटर हो गई है। अगर साल 2021 की बात करें तो उस वक्त इंडोनेशिया में पाम ऑयल की कीमत इंडोनेशिया की मुद्रा में 14000 रुपए प्रति लीटर था। लेकिन महज एक साल के अंदर ही अब कीमत दोगुनी के लगभग हो गई है। इंडोनेशिया द्वारा पाम ऑयल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के फैसले से दुनिया भर में कीमतों को झटका लगा है, और सोया, रिफाइंड और सूरजमुखी तेल की कीमतें जल्द ही बढ़ने की उम्मीद है। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड के मुताबिक सोया तेल की कीमतों में पहले ही 4 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है।

इन कारणों से बढ़ी कीमतें

इंडोनेशिया ने हाल ही में सीपीयू के उत्पादन का 60% हिस्सा निजी कंपनियों को दे दिया। जिसके कारण देश के फुल सीपीओ उत्पादन का एक बड़ा हिस्सा निजी कंपनियों के पास हो गया और आम किसानों के पास उत्पादन कम होने के कारण निजी कंपनियों ने दुनिया भर में आर्थिक हालातों को देखते हुए पाम ऑयल का संकट इंडोनेशिया में पैदा कर दिया।

इंडोनेशिया में पावर की कीमतों में बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण जमाखोरी रहा। यह जमाखोरी तब शुरू हुआ जब इंडोनेशिया सरकार ने कीमतों को काबू में करने के लिए पाम ऑयल की अधिकतम कीमत को 14000 रुपये (इंडोनेशिया की मुद्रा) प्रति लीटर तय कर दिया। सरकार ने यह भी तय कर दिया कि कोई भी आम आदमी एक बार में केवल 2 लीटर तेल खरीद सकेगा। इसके अलावा इंडोनेशिया की सरकार ने सीपीओ के कीमतों पर भी एक दायरा लागू कर दिया और कहा कि 9300 (इंडोनेशिया की मुद्रा) रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक सीपीओ की बिक्री नहीं होगी। इंडोनेशिया में इस संकट का असर पूरे विश्व पर देखने को मिलता है। हाल ही में इंडोनेशिया के व्यापार मंत्री मोहम्मद अली ने कहा था कि देश में पाम ऑयल का संकट निजी कंपनियों के कारण हुआ है।

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