वैक्सीन में मिलावट: हो जाएं सावधान, इंटरपोल ने किया बड़ा खुलासा
इंटरपोल ने बीते दिनों अपने सभी 194 देशों को इस बारे में सावधान किया है। दुनिया के खूंखार अपराधी संगठन वैक्सीन की ताक में बैठे हैं और जैसे ही ये आम जनता को लगने की घोषणा होगी, वे काम शुरू कर देंगे। इसमें वैक्सीन स्टॉक की चोरी और असल के साथ नकल की मिलावट जैसी बातें भी हो सकती हैं।
नई दिल्ली: पिछले 11 महीने से पूरी दुनिया कोरोना वायरस से कराह रही है। ऐसे में जल्द ही वैक्सीन मिलने की खबर से लोगों को थोड़ी राहत मिली है। गौरतलब है कि एक साथ कई संभावित वैक्सीन पर काम चल रहा है। दुनिया के सभी देश अपने हिसाब से वैक्सीन लेने की रणनीति भी बना रहे हैं। इस बीच इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गेनाइजेशन ने डर जताया है कि अपराधी बड़े स्तर पर वैक्सीन को टारगेट करने वाले हैं।
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194 देशों को किया आगाह
दरअसल, इंटरपोल ने बीते दिनों अपने सभी 194 देशों को इस बारे में सावधान किया है। उसका कहना है कि दुनिया के खूंखार अपराधी संगठन वैक्सीन की ताक में बैठे हैं और जैसे ही ये आम जनता को लगने की घोषणा होने लगेगी, वे काम शुरू कर देंगे। इसमें नकली वैक्सीन बेचने से लेकर वैक्सीन स्टॉक की चोरी और असल के साथ नकल की मिलावट जैसी बातें भी हो सकती हैं।
वैक्सीन के नाम पर जहर!
साथ ही इंटरपोल ने बताया कि चोरी और मिलावट के अलावा ऑनलाइन खतरे भी बुरी तरह से बढ़ने वाले हैं। अपराधी इसके लिए महीनों से तैयारी कर चुके हैं। बता दें कि बाजार में अभी से ही कोरोना की जांच के लिए नकली टेस्ट किट आने की खबरें मिल रही हैं। ये खतरनाक है क्योंकि इसपर भरोसा कर मरीज अनजाने में बीमारी बढ़ा रहा है। ऐसे में वैक्सीन आने के बाद इसका खतरा और बढ़ जाएगा। हालांकि फिलहाल दुनियाभर में वैक्सीन देना एक लंबी प्रक्रिया है, जिसमें सालभर भी लग सकता है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अपराधी वैक्सीन के साथ बड़ी हेरफेर करने वाले हैं। इंटरपोल को ऐसी वेबसाइट्स तैयार होने की जानकारी मिली है जो वैक्सीन के नाम पर जहर बेचेगी।
क्या है इंटरपोल ?
इंटरपोल का पूरा नाम इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गेनाइजेशन है। दुनिया के 192 देश इसके सदस्य हैं, जिनमें भारत भी शामिल है। साल 1923 में इस संगठन की स्थापना हुई थी। इसका हेडक्वार्टर फ्रांस के लिऑन में तैयार हुआ। इसका उद्देश्य है दुनियाभर की पुलिस इकट्ठे काम करे ताकि खूंखार और ऊंची पहुंच वाले अपराधियों को पकड़ा जा सके। मॉर्डन समय में चूंकि क्रिमिनल्स भी तकनीकों का सहारा लेकर काम करते हैं तो इंटरपोल भी तकनीकी तौर पर काफी संपन्न है।
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