अमेरिका में तोड़ी गई महात्मा गांधी की प्रतिमा, हालात बेकाबू, सड़कों पर उतारी गई सेना
अमेरिका में नागरिक जॉर्ज फ्लायड की मौत के बाद शुरू हुआ उपद्रव थमने का नाम नहीं ले रहा है। उपद्रवियों ने सड़क से लेकर व्हाइट तक को निशाना बनाया है।
वाशिंगटन: अमेरिका में नागरिक जॉर्ज फ्लायड की मौत के बाद शुरू हुआ उपद्रव थमने का नाम नहीं ले रहा है। उपद्रवियों ने सड़क से लेकर व्हाइट तक को निशाना बनाया है।
दुकानों में लूटपाट, दफ्तरों और गाड़ियों में आगजनी और सरकारी सम्पतियों को नुकसान पहुंचाने के बाद उपद्रवियों ने संरक्षित प्रतिमाओं को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है।
इसी कड़ी में राजधानी वॉशिंगटन डीसी में महात्मां गांधी की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया गया है। पुलिस ने दोषियों के खिलाफ जांच और धरपकड़ की कार्यवाही शुरू कर दी है। ब्लैकलाइव्समैटर के समर्थक वॉशिंगटन में प्रदर्शन के लिए अभी भी सड़कों पर जमे हुए हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘आपको वर्चस्व कायम करने वाला सुरक्षा बल रखना होगा। हमें कानून व्यवस्था कायम रखने की जरूरत है।
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अमेरिका के राजदूत ने भारत से मांगी माफ़ी
राष्ट्रपति ट्रंप ने आगे कहा’ , ‘आपने देखा कि इन सभी जगहों पर, जहां समस्याएं हुईं, वहां पर रिपब्लिकन पार्टी सत्ता में नहीं है। वहां उदारवादी डेमोक्रेट शासन में हैं। ’
इस मामले में व्हाइट हाउस की एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते बताया कि सोमवार रात व्हाइट हाउस के बाहर की गई कठोर कार्रवाई का राष्ट्रपति ने समर्थन किया है, जो देश की राजधानी में आक्रामक कार्रवाई कर शेष देश के लिये एक उदाहरण पेश करना चाहते थे।
उधर वाशिंगटन में जो कुछ हुआ है। उस पर भारत में अमेरिका के राजदूत ने दुख अफ़सोस जताया है और इसके लिए लोगों से माफी भी मांगी है। जबकि रक्षा विभाग ने आवश्यकता पड़ने पर सैनिकों को तैनात करने के लिए आकस्मिक योजनाएं बनाई हैं।
इमारतों की सुरक्षा की जिम्मेदारी थल सेना को
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पेंटागन के दस्तावेजों का अवलोकन कर यह पाया कि देश की राजधानी में हालात बिगड़ने पर और नैशनल गार्ड के सुरक्षा नहीं कर पाने की स्थिति में थल सेना की एक डिविजन से सैनिकों को वाइट हाउस और अन्य संघीय इमारतों की सुरक्षा में लगाए जाने की योजना है।
आपको बताते चलें कि अमेरिका में जॉर्ज फ्लायड की मौत के विरोध में प्रोटेस्ट जारी है। उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप देश की राजधानी में नैशनल गार्ड के सैनिकों और प्रवर्तन अधिकारियों को भारी संख्या में तैनात करने करने का बुधवार को श्रेय लेते हुए कहा कि इसने राज्यों को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों को कुचलने के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है।
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