खत्म होगा कोरोना: इस देश ने बना ली वैक्सीन, खूशी से झूम उठे लोग

कोरोना वायरस की इम्यूनिटी के लिए ये एंटीबॉडीज जरूरी हैं। इस वैक्सीन के ट्रायल फाइनल स्टेज पर पहुंच चुके हैं। जितनी डोज आखिरी चरण के ट्रायल में है, उतनी ही इस टेस्ट के दौरान दिए जाने पर पाया गया है कि एंटीबॉडीज की मात्रा उन लोगों से ज्यादा थी जो वायरस से ठीक हो रहे हैं।

Update:2020-08-27 11:15 IST
खत्म होगा कोरोना: इस देश ने बना ली वैक्सीन, खूशी से झूम उठे लोग

नई दिल्ली: अमेरिका की मॉडर्ना कंपनी की ओर से कोरोना वायरस वैक्सीन तैयार होने की खबर आई है। कोरोना वायरस की वैक्सीन बना रही कंपनी Moderna Inc को बुजुर्गों पर किए गए ट्रायल में उत्साहजनक नतीजे मिले हैं। कंपनी ने वैक्सीन के शुरुआती ट्रायल का नया सेफ्टी डेटा जारी किया है। इसमें बुजुर्गों को कोविड-19 वैक्सीन देने पर इम्यून सिस्टम में रिस्पॉन्स पैदा होने के सबूत मिले हैं। पहले चरण के ट्रायल में Moderna की वैक्सीन ने न्यूट्रलाइजिंग ऐंटीबॉडी की काफी ज्यादा मात्रा पैदा की।

नतीजे काफी उत्साहजनक, बुजुर्गों पर सकारात्मक असर

मॉडर्ना कंपनी ने बुधवार को बताया कि 56 से 70 साल के 10 लोग और 71 से अधिक उम्र के भी 10 लोगों को ट्रायल में शामिल किया गया था। सभी वॉलेंटियर्स को 28 दिन के अंतर पर 100mg की दो खुराकें दी गईं। यह नतीजे काफी उत्साहजनक हैं क्योंकि आमतौर पर वैक्सीन का असर युवाओं की तुलना में बुजुर्गों पर कम होता है।

इन नतीजों में पाया गया कि 55 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों में ऐंटीबॉडी स्तर युवाओं की तुलना में था। अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेन्शन की अडवाइजरी कमिटी ऑन इम्यूनाइजेशन प्रैक्टिसेज के सामने यह डेटा रखा गया। ये ट्रायल 20 लोगों पर किए गए थे।

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साइड-इफेक्ट कम

रिसर्चर्स का कहना है कि कोरोना वायरस की इम्यूनिटी के लिए ये एंटीबॉडीज जरूरी हैं। इस वैक्सीन के ट्रायल फाइनल स्टेज पर पहुंच चुके हैं। जितनी डोज आखिरी चरण के ट्रायल में है, उतनी ही इस टेस्ट के दौरान दिए जाने पर पाया गया है कि एंटीबॉडीज की मात्रा उन लोगों से ज्यादा थी जो वायरस से ठीक हो रहे हैं। इसे देने पर ठंड, बुखार, थकान और दर्द जैसे साइड-इफेक्ट तो देखे गए लेकिन कोई खास गंभीर असर नहीं पाया गया।

युवाओं पर इस वैक्सीन का असर अच्छा

इससे पहले कंपनी ने इसी ट्रायल के डेटा से साबित किया था कि वैक्सीन युवाओं में कोरोना वायरस के खिलाफ ऐंटीबॉडी पैदा कर रही है। हालांकि, वायरस का शिकार बनने का खतरा बुजुर्गों में ज्यादा होता है। इसलिए उन पर असर कर सके, ऐसी वैक्सीन बनाए जाने पर कंपनी का ध्यान था।

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मॉडर्ना का फेज-3 ट्रायल भी शुरू

बता दें कि अमेरिका में कई कोरोना वैक्सीन पर काम चल रहा है। इनमें मॉडर्ना की वैक्सीन को एक बेहतर कैंडिडेट में गिना जा रहा है। मॉडर्ना फेज-3 ट्रायल भी शुरू कर चुकी है। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनिया भर में कुल 170 वैक्सीन पर काम चल रहा है।

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