Narendra Modi Lifestyle: यूं ही नहीं दमक रहे नरेंद्र मोदी, तप कर कुंदन बने और छा गए सियासी पटल पर

Narendra Modi Lifestyle Video: इस लिहाज़ से देखें तो नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी और देश के सियासत के लिए एक ऐसी किंवदंती बन गये हैं। जिसे भुलाये नहीं भूला जा सकता है।

Written By :  Yogesh Mishra
Update:2022-12-11 20:39 IST

Narendra Modi Lifestyle Video: भारत की आज़ादी के बाद जन्में देश के पहले प्रधानमंत्री, राम मंदिर निर्माण के रास्ते के अवरोध दूर करने वाले, गुजरात में तेरह साल मुख्यमंत्री रहने के दौरान सिर्फ़ एक दिन की छुट्टी लेने वाले, तीन तलाक़ को ख़त्म करने वाले, डायरेक्ट बेनफीट योजना को लागू करने वाले इस तरह के तमाम कामों को करके भारतीय इतिहास में अपना नाम दर्ज कराने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा क्या है कि नरेंद्र मोदी में इतना साहस है, इतना कुछ कर गुजरते हैं। जो करने की क्षमता अभी तक किसी प्रधानमंत्री में नहीं रही।

उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक का साहस दिखाया। एक ऐसे समय जब देश की सियासत बिना अल्पसंख्यकों के चल नहीं रही थी, अल्पसंख्यक तुष्टिकरण अपने चरम पर था। उस समय नरेंद्र मोदी ने बहुसंख्यकों के बूते सरकार बनाने, राजनीति करने जैसे महत्वपूर्ण काम कर के दिखाये।

उन्होंने आर्थिक आरक्षण लागू किया। नोट बंदी की। भारतीय जनता पार्टी जो हिंदी बेल्ट की पार्टी हुआ करती थी, उसे पैन इंडिया पार्टी बनाया। आज शायद कोई ऐसी जगह भारत में न हो, जहां भारतीय जनता पार्टी को वोट न मिलता हो। जहां उसका ऑफिस न हो।

इस लिहाज़ से देखें तो नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी और देश के सियासत के लिए एक ऐसी किंवदंती बन गये हैं। जिसे भुलाये नहीं भूला जा सकता है। शायद यही वजह है कि उनके समर्थकों की संख्या लगातार बढ़ती चली जा रही है। नुक्कड, चौराहे और चाय की दुकानों पर उनके लिए लड़ने झगड़ने वाले और उनके लिए दो-दो हाथ करने वाले लोगों की संख्या आप को मिल सकती है। दिख सकती है।

नरेंद्र मोदी रिवार मोध – घांची – तेली समुदाय से हैं जो कि भारत सरकार द्वारा पिछड़े वर्ग की श्रेणी में आती है। नरेंद्र मोदी अपने माता-पिता की तीसरी संतान हैं। मोदी के सबसे बड़े भाई सोमा मोदी की उम्र 75 पार है, वह स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी रहे हैं। दूसरे भाई अमृत मोदी भी उनसे सिर्फ़ पाँच साल छोटे हैं।और एक मशीन ऑपरेटर रहे हैं।

इसके बाद मोदी के दो छोटे और भाई हैं। एक प्रहलाद मोदी जो पाठकों पार हैं। वह अमदाबाद में अपना कारोबार करते हैं। एक और भाई हैं पंकज मोदी। जो गुजरात सरकार में सूचना विभाग में काम करते थे। और यह जानकर आप को हैरत होगा कि नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री रहते पंकज मोदी को न ही उन्हें कोई अतिरिक्त अहमियत हासिल हो पाई।

नरेंद्र मोदी का विवाह घांची समुदाय की परंपरा के अनुसार 18 साल की उम्र में हो गया था। उनका विवाह 1968 में जशोदा चिमनलाल के साथ हुआ। जशोदाबेन गुजरात की सरकारी स्कूल में टीचर थीं।

नरेंद्र मोदी कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए। बाद में वह आरएसएस में शामिल होकर अहमदाबाद चले गए। आपातकाल के दौरान मोदी काफी सक्रिय रहे। उन्होंने उस समय सरकार का विरोध करने के लिए पर्चों का वितरण किया। कई तरह के कार्य किये जिससे उनका प्रबंधकीय, संगठनात्मक और लीडरशिप कौशल सबके सामने आया।

नरेंद्र मोदी उस समय अपनी वेश भूषा बदल कर के रहा करते थे। और वह उस समय के क्रांतिकारियों व लड़ाकों की मदद करते थे। उन्हें सहायता पहुँचाते थे। इसके बाद नरेन्द्र मोदी राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में राजनीति में सम्मिलित हुए। उन्हें आरएसएस में लेखन का काम सौंपा गया। 1987 में पहली बार वह बीजेपी में शामिल हुए ।

मोदी दुनिया के लोकप्रिय लोगों में शुमार हैं कि उनके बारे में हर चीज़ जानने की उनके समर्थकों और उनके विरोधियों दोनों को रहती है। समर्थको को इसलिए रहती है क्योंकि वह जानना चाहते हैं कि मोदी यहाँ तक पहुँचे कैसे? क्या रास्ता था? और विरोधी यह जानना कि आख़िर इतने विरोध के बाद भी मोदी अपनी मंज़िलें लगातार कैसे तय करते चले जा रहे है?

मोदी जिस पेन से लिखते है, वह जर्मनी की ब्रांड का है।

एस्ट्रोलॉजी के अनुसार उनकी कुंडली काफी हद तक बाल गंगा धर तिलक की कुंडली से मिलती है।

मोदी के कपड़े सिर्फ विपिन और जितेंद्र चौहान की शॉप पर सिले जाते हैं। यह लगभग डेढ़ सौ करोड़ रुपए की कंपनी है। और मोदी 1989 के बाद से ही यहीं अपने कपड़े सिलवाते है|

नरेन्द्र मोदी बचपन में स्कूल में एक्टिंग, वाद-विवाद और नाटकों में भाग लेते थे। पुरस्कार भी जीतते थे। वह एनसीसी में भी शामिल थे।

बताया जाता है कि युवा अवस्था में नरेंद्र मोदी रोज अपनी डायरी में कुछ न कुछ लिखा करते थे। और 6 से 8 महीनों के बाद उन पन्नों को खुद ब खुद उन पन्नों को फाड़ कर फेंक दिया करते थे। एक दिन नरेंद्र मोदी के एक दोस्त नरेंद्र भाई पंचासरा ने मोदी को पन्ना जलाते हुए देखा तो ऐसा करने से मना कर दिया।

इसके बाद नरेन्द्र मोदी ने डायरी के पन्ने जलाने बंद कर दिये। नतीजा यह हुआ कि के 36 साल के डायरी के पन्नों से उनकी एक किताब तैयार हो गयी। नरेन्द्र मोदी ने इस किताब का नाम 'साक्षीभाव' रखा। नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यह किताब पढ़ने वाले को मुझसे जोड़ती है। 'साक्षीभाव' के अलाव नरेन्द्र मोदी ने कुछ और किताबों को भी लिखा है।

एग्जाम वॉरियर्स- नरेन्द्र मोदी की यह किताब खास करके छात्रों के लिए है। इस किताब में परीक्षा की तैयारी और परीक्षा के समय में होने वाले तनाव और घबराहट को दूर करने के तरीक़ों के बारे में बताया गया है।

सोशल हार्मनी- नरेन्द्र मोदी ने इस किताब में बचपन से लेकर अब तक के अपने विचार के बारे में लिखा है। इस किताब में अपने तर्क के उदहारण दिए हैं।

ज्योतिपुंज- नरेन्द्र मोदी ने इस किताब में आरएसएस के ज़ीवन समय के अपने विचार दर्ज किये हैं।

बचपन में पीएम नरेंद्र मोदी को प्राथमिक शिक्षा का ज्ञान देने वाली शिक्षिका हीराबेन मूलचंद ने वडनगर के स्कूल में उन्हें कक्षा एक से चार तक पढ़ाया। वह बताती हैं कि 'वड़नगर में मेरा घर मोदी के घर के ठीक सामने था। आज मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं। लेकिन अब भी उनके परिवार के साथ वैसे ही रिश्ते हैं।

हीराबेन का कहना कि मुझे इस बात का सबसे ज्यादा गर्व है कि मेरी क्लास में पढ़ने वाले नरेंद्र भाई मोदी आज देश के प्रधानमंत्री हैं। और देश के लोगों के इतने लोकप्रिय नेता हैं। मोदी के उत्थान के साथ ही साथ हीराबेन मोदी के बारे में उनकी तमाम बातें बताती हैं।

उसमें एक बात यह भी बहुत महत्वपूर्ण थी कि किस तरह शाम को नरेंद्र मोदी महादेव की आरती करते थे। नरेंद्र मोदी के बारे में जितना भी कहा जाये कम है। क्योंकि उन्होंने हिंदुस्तान के सियासत की दशा व दिशा बदली है।

बहुसंख्यक व अल्पसंख्यक के बीच के अल्पसंख्यक उत्थान की जो सियासत चल रही थी, उसका रुख़ मोड़ा है। आज तो नहीं लेकिन कभी न कभी नरेंद्र मोदी भारतीय राजनीति के इतिहास के पाठ होंगे। नरेंद्र मोदी को क़रीब से जानिये तो निश्चित रूप से आप को प्रधानमंत्री से ज़्यादा अच्छे कवि और एक अच्छे लेखक के रूप में याद करेंगे। 

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