मिशन मंगल: अंतरिक्ष में एक बार फिर बढ़ी चहलकदमी, ग्रह पर पहुंचेंगे 3 यान
फरवरी के महीने में आपको सिर्फ मंगल-मंगल ही सुनाई देगा। क्योंकि लाखों मील दूर अंतरिक्ष में एक बार फिर चहलकदमी बढ़ने वाली है। मंगल ग्रह में कभी जीवन था या नहीं इस बात की पुष्टि करने के लिए जल्द ही तीन अंतरिक्ष यान मंगल ग्रह पर पहुंचने वाले हैं।
नई दिल्ली: फरवरी के महीने में आपको सिर्फ मंगल-मंगल ही सुनाई देगा। क्योंकि लाखों मील दूर अंतरिक्ष में एक बार फिर चहलकदमी बढ़ने वाली है। मंगल ग्रह में कभी जीवन था या नहीं इस बात की पुष्टि करने के लिए जल्द ही तीन अंतरिक्ष यान मंगल ग्रह पर पहुंचने वाले हैं। इनमें संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने अपना यान मंगलवार को पहुंचाया है।
इस महीने मंगल पर पहुंचेंगे तीन अंतरिक्ष यान
संयुक्त अरब अमीरात का यान 9 फरवरी को मंगल ग्रह पर पहुंचा। इसके 24 घंटे बाद यानी 10 फरवरी को चीन का ऑर्बिटर रोवर कॉम्बो मंगल ग्रह पर कदम रखेगा। वहीं अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का पर्सिवरेंस मार्स रोवर 18 फरवरी को मंगल की सतह पर उतरेगा। आइए जानते हैं इन मंगल मिशन के बारे में...
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9 फरवरी को पहुंचा यूएई का यान
संयुक्त अरब अमीरात की स्पेस एजेंसी ने 9 फरवरी की रात 9 बजे होप मार्स मिशन को मंगल ग्रह की कक्षा में सफलतापूर्वक पहुंचा दिया। इस बारे में स्पेस एजेंसी ने ट्वीट करके कहा कि हमारी सात साल की मेहनत रंग लाई है। इस मिशन को 19 जुलाई 2020 में लॉन्च किया गया था। गौरतलब है कि संयुक्त अरब अमीरात और चीन के इससे पहले कई अभियान असफल रह चुके हैं। अगर ये दोनों देश अपने इस अभियान में सफल हो जाते हैं तो मंगल की यात्रा करने वाले देशों में यूएई और चीन का नाम जुड़ जाएगा।
बता दें कि UAE के होप मार्स मिशन को लॉन्च करने के लिए जापान के तांगेशिमा स्पेस सेंटर से मित्शुबिशी हैवी इंड्स्ट्री रॉकेट से छोड़ा गया था। UAE के वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह दो साल तक मंगल ग्रह की कक्षा में काम करेगा। यह अरब देश का पहला मंगल मिशन था। होप मार्स मिशन (Hope Mars Mission) मंगल ग्रह की कक्षा में चक्कर लगाएगा।
आज पहुंचेगा चीन का यान
इसी तरह चीन ने भी अपना यान तियानवेन-1 (Tianwen-1) मंगल ग्रह पर भेजा है। चीन ने इस यान को 23 जुलाई 2020 को लॉन्च किया था। उम्मीद जताई जा रही है कि चीन का यान तियानवेन-1 आज यानी 10 फरवरी को किसी समय मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश करेगा। साथ ही मंगल पर उतरने के लिए उपयुक्त जगह की तलाश करेंगे। सही जगह मिलने के बाद धूल भरी सुर्ख लाल सतह पर उतरने के लिए रोवर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा। यदि चीन इस अभियान में सफल हो जाता है तो चीन मंगल पर उतरने वाला दूसरा देश बन जाएगा। गौरतलब है कि अभी तक केवल अमेरिका ने ही लाल ग्रह में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है।
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18 फरवरी को नासा का मार्स मिशन पर्सीवरेंस करेगा लैंड
वहीं अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) का मार्स मिशन पर्सिवरेंस 18 फरवरी को मंगल ग्रह पर लैंड करेगा। नासा के मार्स मिशन का नाम है पर्सिवरेंस मार्स रोवर और इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर। परसिवरेंस मार्स रोवर 1000 किलोग्राम वजनी है। यह रोवर मंगल ग्रह पर 10 साल तक काम करेगा।