Neil Armstrong Birthday: चाँद पर पहला कदम रखने वाके ऐतिहासिक व्यक्ति थे नील आर्मस्ट्रांग, जानते हैँ उनका जीवन

Neel Armstrong Birthday: नील आर्मस्ट्रांग का प्रारंभिक जीवन 5 अगस्त, 1930 को अमेरिका के ओहायो राज्य में हुआ था। वह एक प्रमुख अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री और एक वैज्ञानिक थे। वह 1969 में अपोलो 11 मिशन के समय पहले इंसानथे जिन्होंने चंद्रमा पर कदम रखा।

Update:2023-08-05 09:36 IST
Neel Armstrong Birthday (Photo: Social Media)

Neel Armstrong Birthday: नील आर्मस्ट्रांग (Neil Armstrong) एक प्रमुख अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री और एक वैज्ञानिक थे। वह 1969 में अपोलो 11 मिशन के समय पहले इंसानथे जिन्होंने चंद्रमा पर कदम रखा। इस प्रमुख इतिहास घटना के बाद, उन्हें विश्वभर में मान्यता और प्रशंसा मिली।

नील आर्मस्ट्रांग का प्रारंभिक जीवन

नील आर्मस्ट्रांग का प्रारंभिक जीवन 5 अगस्त, 1930 को अमेरिका के ओहायो राज्य में हुआ था। उनके पिता का नाम स्टीफेन आर्मस्ट्रांग था और माँ का वायला लुई एंजेल थीं, और उनके माता पिता की दो अन्य संतानें जून और डीन, नील से उम्र में छोटे थे। पिता एक सरकारी ऑडिटर थे इस प्रकरर नील का जीवन अलग-अलग स्थानों पर बीता।नील को हवाई उड़ानो में ख़ास रूचि थी। 20 जून, 1936 को नील ने अपनी पहली हवाई यात्रा का अनुभव प्राप्त किया था।

नील आर्मस्ट्रांग कि शिक्षा

17 वर्ष कि उम्र में नील ने अरेंनौटिकल इंजीनियरिंग के लिए पुदुर विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। उन्हें बचपन से गणित और ब्रह्माण्ड में रूचि थी। वह अपने परिवार के दूसरे सदस्य थे जिन्होंने कॉलेज को शिक्षा प्राप्त की। किशोरावस्था में ही उन्होंने बहोत से ईगल स्काउट अवार्ड अर्जित किये और साथ ही उन्हें सिल्वर बफैलो अवार्ड भी मिला था। महज़ 16 वर्ष की उम्र में उन्हें छात्र पायलट का लाइसेंस मिल गया था।

नील आर्मस्ट्रांग का कार्य

नील आर्मस्ट्रांग एक प्रमुख अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री थे, जिनका कार्य विश्वासघाती और इतिहासकारी रहा। उनका सबसे महत्वपूर्ण कार्य 20 जुलाई, 1969 को अपोलो 11 मिशन के साथ चंद्रमा पर पहुंचना था, जिसमें उन्होंने चंद्रमा पर कदम रखकर इतिहास रचा। यह मिशन दुनिया के इतिहास में पहला ही था, जिसमें किसी मानव ने चंद्रमा की सतह पर पैर रखा था।

उनके चंद्रमा पर कदम रखने के बाद, उन्होंने "यह एक छोटा कदम एक मनुष्य के लिए, लेकिन एक मानवता के लिए एक महाशक्ति के लिए है" कहकर इस अद्भुत साहसिक कार्य को संक्षेप में व्यक्त किया था। उनकी इस अद्भुत यात्रा ने विज्ञान, तकनीक और स्पेस एक्सप्लोरेशन की दुनिया में नई दिशा प्रदान की।

इसके अलावा, आर्मस्ट्रांग ने अन्य अंतरिक्ष मिशनों में भी भाग लिया, जो अंतरिक्ष यात्राओं के विकास और अनुसंधान में महत्वपूर्ण योगदान थे। उनके अन्तरिक्ष उपलब्धियों के लिए उन्हें नेशनल मैरिट मेडल से सम्मानित किया गया था और वे एक लोकप्रिय व्यक्ति बने रहे हैं। उनका कार्य आज भी अंतरिक्ष शोधकर्मियों और सामान्य लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत है।

अंतरिक्ष कि यात्रा

अपोलो 11 के लॉन्च के दौरान नील के हृदय की गति 100 स्पंदन प्रति मिनट थी। इसके लॉन्च के बाद प्रथम चरण नील के लिए सबसे कठिन था। जब आर्मस्ट्रांग चन्द्रमा मोड्यूल से बाहर निकले उन्होंने कहा था, “इंसान का यह छोटा सा कदम, मानवी जाती के लिए एक बहुत बड़ी छलांग है।” उन्होंने ही चद्रमा पर अपना पहला कदम रखा था। तक़रीबन 2.30 घंटे तक नील और एल्ड्रिन ने चन्द्रमा के कुछ सैंपल (Sample) जमा किया और उनपर प्रयोग भी किया। उन्होंने बहुत से फोटो भी निकाले जिनमे उनके खुद के पदचिन्हों का फोटो भी शामिल है।

धरती पर वापस आजे के बाद तीनों अंतरिक्ष यात्रीयों का स्वागत हुआ और सभी लोग बेहद ख़ुश थे। इस अतुलनीय कार्य के लिए उन्हें सबसे प्रशंशा मिली।

इंदिरा गांधी से मुलाक़ात

इन अंतरिक्ष यात्रियों की पार्लियामेंट में इंदिरा गाँधी से मुलाक़ात हुई थी। उस दौरान उन्हें पाया चला की वह सुबह 4.30 तक जागती रही क्यूंकि वह को भी पल देखने से चूकना नहीँ चाहती थी। आर्मस्ट्रांग ने कहा, “मैडम प्रधानमंत्री, आपको हुई असुविधा के लिए मैं खेद व्यक्त करता हूं। अगली बार, मैं सुनिश्चित करूंगा कि जब हम चंद्रमा पर उतरें तो आपको इतना न जागना पड़े“

नील आर्मस्ट्रांग से संबंधित कुछ रोचक तथ्य

1) प्रथम मानव: नील आर्मस्ट्रांग 20 जुलाई, 1969 को अपोलो 11 मिशन के माध्यम से चंद्रमा पर पहुंचने वाले प्रथम व्यक्ति थे। उन्होंने चंद्रमा की सतह पर पैर रखकर इतिहास रचा।

2) नाव-विमान सेना: आर्मस्ट्रांग ने अपनी करियर की शुरुआत नाव-विमान सेना में करी। उन्होंने 78 मिशनों में युद्धक जेटों का नियंत्रण किया।

3) शिकागो विश्वविद्यालय: आर्मस्ट्रांग ने इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त की और इंजीनियर बनने के बाद, शिकागो विश्वविद्यालय में अंतरिक्ष विज्ञान पढ़ने का निर्णय लिया।

4) नेशनल मैरिट मेडल: उन्हें उनकी अद्भुत यात्रा और अंतरिक्ष शोध में उनके योगदान के लिए 1969 में नेशनल मैरिट मेडल से सम्मानित किया गया था।

5) विश्वभर मान्यता: आर्मस्ट्रांग को दुनिया भर में उनके यात्राओं और अनुसंधान के लिए प्रशंसा और मान्यता मिली है। उन्हें एक अद्भुत अंतरिक्ष यात्री, एक धैर्यवान नेता और विज्ञान शिक्षक के रूप में याद किया जाता है।

6) ग्रीन स्पेस सूट: चंद्रमा पर कदम रखते समय, उन्हें ग्रीन रंग के स्पेस सूट पहना गया था। यह स्पेस सूट बाद में उनके खास संबंधकों द्वारा धारण किया गया।

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