पानी से सस्ता पेट्रोल-डीजल: ख़ुशी में डूबा पूरा देश, अचानक आई गिरावट

चीन में फैले कोरोना वायरस की वजह से बाजारों में सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है। अचानक से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में 30 फीसदी की गिरावट आई है, जिसके बाद भारतीय बाजार में कच्चा तेल 2,200 रुपये प्रति बैरल के नीचे आ गया है।

Update: 2020-03-09 10:03 GMT

नई दिल्ली: चीन में फैले कोरोना वायरस की वजह से बाजारों में सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है। अचानक से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में 30 फीसदी की गिरावट आई है, जिसके बाद भारतीय बाजार में कच्चा तेल 2,200 रुपये प्रति बैरल के नीचे आ गया है। कच्चे तेल के दाम में 1991 के खाड़ी युद्ध के बाद ये सबसे बड़ी गिरावट है, जो कि खास तौर पर सऊदी अरब द्वारा तेल का भाव घटाने की वजह से आई है।

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तेल से महंगा है पानी

एक बैरल में 159 लीटर कच्चा तेल होता है। इस प्रकार एक लीटर कच्चे तेल का दाम करीब 13-14 रुपए आएगा जबकि एक लीटर पानी की बोतल के लिए कम से कम 20 रुपये देने पड़ते हैं।

कोरोना वायरस और येस बैंक की वजह से सोमवार को भी भारतीय शेयर बाजार में कोहराम मच गया। सेंसेक्स करीब 2357 अंक गिर गया, तो वहीं निफ्टी में भी करीब 600 अंकों से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। वैसे तो यस बैंक के शेयरों में 34 प्रतिशत का उछाल देखा गया।

भारतीय शेयर बाजार में ये अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। इससे पहले 24 अगस्त, 2015 को सेंसेक्स 1,624 अंक लुढ़का था। इतनी बड़ी गिरावट से बाजार में निवेशक घबरा गए हैं।

कच्चे तेल को लेकर शुरू हुए प्राइस वार और कोरोना वायरस की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में सोमवार को 30 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। विदेशी बाजार से चलने वाले कच्चे तेल के कारोबार में घरेलू वायदा बाजार में कच्चे तेल का भाव 30 फीसदी से ज्यादा टूटकर 2,200 रुपए प्रति बैरल से नीचे आ गया।

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर कच्चे तेल के मार्च अनुबंध में 997 रुपए यानी 31.56 फीसदी की गिरावट के साथ 21,62 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था। तो वहीं, अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज ICI पर ब्रेंट क्रूड के मई अनुबंध में पिछले सत्र से 26.51 फीसदी की गिरावट के साथ 33.27 डॉलर पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले दाम 31.27 डॉलर प्रति बैरल तक गिरा।

डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता ने बताया

एंजेल ब्रोकिंग के (एनर्जी व करेंसी रिसर्च) के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता ने बताया कि 'तेल के उत्पादन में कटौती को लेकर ओपेक और रूस के बीच सहमति नहीं बनने के बाद सऊदी ने प्राइस वार छेड़ दिया है और इसमें अगर ओपेक के कुछ और सदस्य शामिल हुए तो कच्चे तेल के दाम में और गिरावट आ सकती है।'

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न्यूयॉर्क मर्के टाइल एक्सचेंज यानी नायमैक्स पर अप्रैल डिलीवरी अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट के अनुबंध में 28.44 फीसदी की गिरावट के साथ 29.54 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था वहीं जबकि इससे पहले भाव 27.34 डॉलर प्रति बैरल तक गिरा था। उन्होंने बताया कि, 2015 में भी इसी तरह की प्राइस वार का परिदृश्य देखने को मिला था जब सऊदी ने कहा था कि अगर क्रूड का भाव 20 डॉलर प्रति बैरल तक भी आ गया तो उसे कोई चिंता नहीं है।

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