New Variant of Coronavirus : बच्चों के लिए ही नहीं बुजुर्गों के लिए भी है खतरनाक, वैक्सीन नहीं दे पा रही सुरक्षा
New Variant of Coronavirus : साउथ अफ्रीका के संक्रामक रोग संस्थान के अनुसार बच्चों के बीमार पड़ने का ऐसा ट्रेंड पहले नहीं देखा गया था।
New Variant of Coronavirus : कोरोना वायरस का नया वेरियंट(omicron variant) 5 साल से छोटे बचवहॉं और 60 साल से ऊपर वालों को निशाना बना रहा है। साउथ अफ्रीका के डॉक्टरों ने कहा है कि अस्पतालों में 5 साल से कम उम्र के बच्चे (omicron senior children) बहुत बड़ी संख्या में भर्ती हो रहे हैं। यही स्थिति 60 साल से ज्यादा के सीनियर सिटीजन (omicron senior citizen) की है।
साउथ अफ्रीका के संक्रामक रोग संस्थान के अनुसार बच्चों के बीमार पड़ने का ऐसा ट्रेंड पहले नहीं देखा गया था। इसकी वजह शायद ये है कि 5 साल तक के बच्चों का कोरोना वैकनीनेशन नहीं किया गया है। लेकिन सीनियर सिटीजन क्यों बीमार पड़ रहे हैं, इसका जवाब नहीं मिल पा रहा है। जबकि सीनियर सिटीजन को सबसे पहले वैक्सीनें लगी हैं।
फ्लू का भी मिश्रण
वैज्ञानिकों के अनुसार, ओमीक्रान वेरियंट (omicron variant mutation) में जितने म्यूटेशन हुए हैं उनमें एक सामान्य सर्दी जुकाम का भी है। इस कोरोना वायरस (omicron variant coronavirus) ने अपने में बदलाव के क्रम में सर्दी जुकाम वाले अन्य वायरस से कुछ जेनेटिक मैटेरियल हासिल करके अपने में समाहित कर लिया है। सर्दी जुकाम वाला जेनेटिक सीक्वेंस कोरोना के बाकी वेरियंट में नहीं देखा गया था।
ओमीक्रान में पहली बार ऐसा हुआ है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सामान्य सर्दी जुकाम वाले वायरस का अंश ले कर ओमीक्रान ने इन्सानी इम्यून सिस्टम को चकमा देने की क्षमता हासिल कर ली है।
इसका मतलब ये भी है कि ओमीक्रान वेरियंट(omicron variant) बहुत आसानी से प्रसारित होता है और कोई लक्षण नहीं दिखाता या बहुत हल्के लक्षण लाता है। ओमीक्रान कितनी गंभीरता वाली बीमारी लाता है या कितना जानलेवा है, ये अभी पता नहीं चल सका है क्योंकि इस बारे में डेटा अभी पर्याप्त नहीं है।
फेफड़ों और आंतों पर असर
Omicron Effect Lungs and Intestines
पहले के रिसर्च में पता लग चुका है कि फेफड़े, आमाशय और आंतों की कोशिकाएं कोरोना और सामान्य सर्दी जुकाम के वायरस को एकसाथ पालती रहती हैं। ऐसे डबल इन्फेक्शन से वायरल कॉम्बिनेशन का प्रोसेस शुरू हो जाता है जिसमें अंततः दोनों वायरसों के जेनेटिक मैटेरियल से नया वायरल संस्करण तैयार हो जाता है।
माना जा रहा है कि ओमीक्रान(omicron variant) भी इसी प्रोसेस से तैयार हुआ है। कोई इनसान दोनों विषाणुओं से संक्रमित हुआ होगा जब कोरोना के किसी स्वरूप ने दूसरे वायरस का जेनेटिक सीक्वेंस हासिल कर लिया और नई चीज बन गई।