Korea Divorce Rule: तलाक लेने पर दोनों को होगी जेल की कड़ी सज़ा
Korea Divorce Rule: पिछले साल तक, जब कोई जोड़ा तलाक लेता था, तो केवल उस व्यक्ति को श्रम प्रशिक्षण शिविर में भेजा जाता था जिसने पहले तलाक के लिए अर्जी दी थी।
Korea Divorce Rule: तलाक लेने वाले जोड़ों को छह महीने तक के लिए लेबर कैम्प यानी कड़ी मेहनत वाली सज़ा में भेजा जाएगा। यही नहीं, महिलाओं को और लंबी सजा का सामना करना पड़ सकता है।
ये आदेश दिया है नार्थ कोरिया के सुप्रीम नेता किम जोंग-उन ने। उन्होंने घोषणा की है कि विवाह को समाप्त करना समाजवाद विरोधी है और इसके लिए सज़ा होनी चाहिए।
नया आदेश नार्थ कोरिया के मौजूदा कानूनों को और सख्त बनाये जाने को दर्शाता है। कानून के तहत पहले सिर्फ़ तलाक चाहने वाले पक्ष को ही सज़ा दी जाती थी। रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, नए नियमों के तहत तलाक के अंतिम रूप से लागू होने के बाद दोनों पति-पत्नी को कारावास का सामना करना पड़ेगा।
तलाकशुदा जोड़ों को श्रम प्रशिक्षण शिविरों में भेजा जाएगा
रिपोर्ट के अनुसार, उत्तरी रियांगगांग प्रांत के एक निवासी ने कहा कि वह किमजोंगसुक काउंटी पीपुल्स कोर्ट गया था जहाँ 12 लोगों को तलाक का आदेश मिला। फैसले के तुरंत बाद, उन्हें काउंटी श्रम शिविर में ट्रांसफर कर दिया गया। पिछले साल तक, जब कोई जोड़ा तलाक लेता था, तो केवल उस व्यक्ति को श्रम प्रशिक्षण शिविर में भेजा जाता था जिसने पहले तलाक के लिए अर्जी दी थी। इस महीने से सभी तलाकशुदा जोड़ों को श्रम प्रशिक्षण शिविरों में भेजा जाएगा।
दरअसल, कोरिया में तलाक को न सिर्फ समाजवाद का अपमान माना जाता है, बल्कि उत्तर और दक्षिण के लोगों की सोच से जुड़े "कन्फ्यूशियस" मूल्यों का भी अपमान माना जाता है।
आरएफए ने बताया कि कोरोना के कारण तलाक की दर में वृद्धि हुई है, क्योंकि लॉकडाउन की वजह से दंपतियों को आर्थिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ा। सज़ा के बावजूद तलाक की दरों में उल्लेखनीय गिरावट नहीं बताई गई है, हालांकि नागरिकों को अब सार्वजनिक रूप से अपमानित किए जाने और कोरियाई वर्कर्स पार्टी से निकाले जाने की धमकी दी जा रही है।