Pakistan Electricity: पाकिस्तान में बिजली कंपनियां सेना के हवाले, चोरी रोकने की कोशिश

Pakistan Electricity: एक सेवारत ब्रिगेडियर प्रत्येक डिस्कॉम में परफॉर्मेंस मॉनिटरिंग यूनिट (पीएमयू) का चार्ज संभालेगा, जिसे संघीय जांच एजेंसी और इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारियों के सहयोग से डिस्कॉम के भीतर बेईमान लोगों और बिजली चोरी में शामिल लोगों की पहचान करने का काम सौंपा जाएगा।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2023-12-01 13:41 IST

Pakistan Electricity theft   (photo: social media ) 

Pakistan Electricity: पाकिस्तान में बिजली चोरी रोकने में बुरी तरफ नाकामयाब रहने पर अब सरकार ने बिजली का काम सेना के हवाले कर दिया है।

पाकिस्तान सरकार बिजली बिलों की वसूली बढ़ाने और बिजली चोरी से निपटने में नाकाम रही है सो इसके लिए वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का कंट्रोल पाकिस्तानी सेना और एजेंसियों को देने का फैसला किया गया है।

सेना के ब्रिगेडियर को चार्ज

एक सेवारत ब्रिगेडियर प्रत्येक डिस्कॉम में परफॉर्मेंस मॉनिटरिंग यूनिट (पीएमयू) का चार्ज संभालेगा, जिसे संघीय जांच एजेंसी और इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारियों के सहयोग से डिस्कॉम के भीतर बेईमान लोगों और बिजली चोरी में शामिल लोगों की पहचान करने का काम सौंपा जाएगा। द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों के पास दोषी लोगों पर कार्रवाई करने का पूरा अधिकार होगा।

नई योजना लागू

पावर डिवीजन ने पहले परीक्षण के आधार पर हैदराबाद इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी (हेस्को) में नई योजना लागू करने का फैसला लिया है।

बढ़ता घाटा

आंकड़ों के अनुसार, 6 सितंबर, 2023 तक लाहौर, फैसलाबाद, गुजरांवाला, मुल्तान और इस्लामाबाद डिस्कॉम में कुल नुकसान 79 अरब यूनिट या 100 अरब रुपये का था। जबकि अपेक्षित बिलों 3,044 अरब रुपये के थे। पेशावर, हैदराबाद, सुक्कुर, क्वेटा और आज़ाद जम्मू और कश्मीर में बिजली की आपूर्ति करने वाले डिस्कॉम में घाटा 60 प्रतिशत तक बढ़ गया है। स्थिति काफी खराब है, इसलिए प्रत्येक पीएमयू में सहायक स्टाफ के रूप में एक सेवारत ब्रिगेडियर और खुफिया एजेंसियों के कर्मियों को नियुक्त करने की योजना है। रिकवरी योजना में तेजी लाने के लिए हेस्को को एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में नामित किया गया है।

पाकिस्तान के कार्यवाहक ऊर्जा मंत्री ने 6 सितंबर को बिजली चोरों पर नकेल कसने की योजना की घोषणा की थी, जिसमें बताया गया कि बिजली चोरी और बिलों का भुगतान करने में विफलता के कारण सिस्टम को सालाना 589 अरब रुपये का भारी नुकसान उठाना पड़ता है।

इस साल 6 सितंबर तक पेशावर, हैदराबाद, सुक्कुर, क्वेटा, पीओके में डिस्कॉम को 60 फीसदी तक का नुकसान हुआ। दरअसल पाकिस्तान में बेतहाशा महंगाई है। समझा जाता है कि आर्थिक संकट की वजह से बिजली चोरी और बिल न भरने की घटनाओं में भारी वृद्धि होती चली जा रही है।

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