मछली खाना पड़ गया भारी: पेट में निकले करोड़ों अंडे, डॉक्टर भी हुए हैरान
चीन के हांगझू शहर में रहने वाले 55 वर्षीय एक व्यक्ति ने एक अधपकी मछली खाई थी, जिसके बाद से उसकी हालत बिगड़ने लगी, उसे लगातार उल्टी, दस्त और भूख न लगने जैसे लक्षण दिखाई देने लगे।
नई दिल्ली: दुनिया में जब से कोरोना वायरस फैला है, तब से पूरी दुनिया में ये महामारी फ़ैल गयी है, और इस वायरस के फैलने के लिए पूरी दुनिया चीन को ही जिम्मेदार मानती है। सबका मानना है कि चीन के वुहान शहर से ही ये वायरस ने जन्म लिया है। जहां एक तरफ पूरी दुनिया इस महामारी से छुटकारा पाने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी तरफ चीन के लोग इससे सबक लेते हुए नजर नहीं आ रहे हैं। चीन से ही एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसमें एक व्यक्ति के सिर्फ एक मछली खाने से उसकी जान पर बन आई। सिर्फ एक मछली कहने कि वजह से उसका आधा से ज्यादा लीवर ख़राब हो गया।
क्या है मामला
चीन के हांगझू शहर में रहने वाले 55 वर्षीय एक व्यक्ति ने एक अधपकी मछली खाई थी, जिसके बाद से उसकी हालत बिगड़ने लगी, उसे लगातार उल्टी, दस्त और भूख न लगने जैसे लक्षण दिखाई देने लगे। व्यक्ति को ये समझने में 4 महीने से अधिक लग गया कि उसकी तबियत ज्यादा खबर हो रही है। जिसके बाद उस वो व्यक्ति कई डॉक्टर के पास गया लेकिन किसी भी डॉक्टर की दवाई से उसे फायदा नहीं हुआ।
जिसके बाद उस व्यक्ति ने अपना स्कैन कराने का निर्णय लिया। स्कैन में आई रिपोर्ट्स को देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए और ये निष्कर्ष निकाला कि उसे इस प्रकार का इन्फेक्शन हुआ है जिसे क्लोनोरकायसिस कहते हैं।
क्या है क्लोनोरकायसिस इन्फेक्शन ?
क्लोनोरकायसिस एक तरफ का पेरासाईट इन्फेक्शन होता है, जिसे हम आम भाषा में इल्ली कहते हैं। ये पेरासाईट मछली के जरिये उसके पेट में चला गया, और इस पेरासाईट ने व्यक्ति के लीवर में ही अंडे देने शुरू कर दिए। अण्डों कि संख्या इतनी ज्यादा थी, धीरे धीरे उसने वहां एक झिल्ली बना ली, इन्फेक्शन लगातार बढ़ने के कारण लीवर में मवाद का बनना शुरू हो गया, जिसने आगे चलकर ट्यूमर का रूप ले लिया।
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डॉक्टर्स को ये समझ में नहीं आ रहा था कि ये व्यक्ति अभी तक जीवित कैसे हैं ? डॉक्टर्स ने दुबारा इन्फेक्टेड एरिया को देखने के लिए दुबारा स्कैन किया तो पता चला कि इन्फेक्शन 19 सेंटीमीटर लम्बा 18 सेंटीमीटर चौड़ा और 12 सेंटीमीटर गहरा है।
आखिर में डॉक्टर्स ने उस व्यक्ति के लगभग आधे लिवर को बाहर निकाल दिया, साथ ही वहां जमा मवाद को भी बहार निकाला, डॉक्टर्स का कहना था कि समय रहते इस बीमारी को पकड़ लिआ गया नहीं तो उस व्यक्ति की जान भी जा सकती थी।