क्या परवेज मुशर्रफ की पाकिस्तान वापसी इमरान सरकार की विदाई का है संकेत?
आल पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एपीएमएल) ने कहा है कि मुशर्रफ का स्वास्थ्य अब पहले से बेहतर है और अब वह 6 अक्टूबर को देश की राजनीति में लौटने की योजना बना रहे हैं।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान की सेना ने एक फिर अपने पुराने सेवानिवृत्त जनरल परवेज मुशर्रफ पर विश्वास जताई है। पीएम इमरान खान के तख्तापटल के कयासों के बीच पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह और सेना जनरल से राष्ट्रपति बने परवेज मुशर्रफ की राजनीति में वापसी की जोरशोर चर्चा से चल रही है।
उनकी आल पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एपीएमएल) ने कहा है कि मुशर्रफ का स्वास्थ्य अब पहले से बेहतर है और अब वह 6 अक्टूबर को देश की राजनीति में लौटने की योजना बना रहे हैं।
बता दे कि जनरल (सेवानिवृत्त) मुशर्रफ (76) मार्च 2016 से दुबई में रह रहे हैं। वर्ष 2007 में संविधान की अवहेलना के लिए वह देशद्रोह के मामले का सामना कर रहे हैं।
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2014 में दोषी पाए गये थे परवेज
इस दंडनीय अपराध के लिए उन्हें 2014 में दोषी पाया गया था। देशद्रोह के लिए मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।
ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एपीएमएल) के संस्थापक मुशर्रफ अपनी खराब तबीयत के कारण पिछले साल राजनीतिक गतिविधियों से दूर हो गए थे। ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने पार्टी की नेता के हवाले से बताया कि स्वास्थ्य में सुधार के बाद मुशर्रफ अब वापसी करने का इरादा बना रहे है ।
एपीएमएल की महासचिव मेहरीन मलिक ने कहा कि पिछले महीने 12 दिन तक लंदन में एक अस्पताल में उनका उपचार चला था। उन्होंने कहा, ‘‘अब वह ठीक हैं और दुबई लौट आए हैं। ’’ उन्होंने कहा कि मुशर्रफ के निर्देश पर एपीएमएल ने समूचे पाकिस्तान में अपनी राजनीतिक गतिविधियां आरंभ कर दी है।
उन्होंने कहा, ‘‘वह (मुशर्रफ) छह अक्टूबर को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इस्लामाबाद में पार्टी के नौवें स्थापना दिवस को संबोधित करेंगे।
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इमरान की जगह बाजवा क्यों ले रहे बड़े व्यापारियों की मीटिंग?
उधर जम्मू-कश्मीर के मसले पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के हाथों कूटनीतिक हार, देश में चल रही अर्थव्यवस्था की बुरी हालत ने पाकिस्तान को इन दिनों मुश्किलों में डाल दिया है।
हर किसी के निशाने पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान हैं, इस सभी के बीच पड़ोसी मुल्क में तख्तापलट की अटकलों ने जोर दिया है।
पाकिस्तानी सेना के प्रमुख कमर बाजवा ने गुरुवार को देश के बड़े व्यापारियों के साथ बैठक की, जिसके बाद से पाकिस्तान में तख्तापलट पर चर्चा शुरू हो गई है।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ गफूर ने गुरुवार को इस बैठक की जानकारी दी और एक प्रेस नोट जारी किया। इसके अनुसार, ‘पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा उसके बिजनेस से जुड़ी है, इसी वजह से आज सेना प्रमुख ने देश के बड़े व्यापारियों के साथ बैठक की।’
मीटिंग के बाद इन बातों की चर्चा
पाकिस्तानी मीडिया में इस बात की अटकलें तेज हैं कि पाकिस्तान के बड़े बिजनेसमैन इमरान खान की नीतियों से परेशान चल रहे हैं, इसी वजह से अब कमर बाजवा ने उनकी परेशानी जानने की कोशिश की। कमर बाजवा अक्सर सेना की वर्दी में ही नज़र आते हैं लेकिन यहां वह वर्दी नहीं बल्कि सूट-बूट में बैठक करते नज़र आए।
लेकिन इस बैठक के बाद पाकिस्तान में तख्तापलट की बातें हो रही हैं, मीडिया चैनल में एक्सपर्ट भी इस बात को रख रहे हैं कि पाकिस्तान में अब लोग नए विकल्प को ढूंढ रहे हैं लेकिन सेना से बड़ा विकल्प कोई नहीं है। ऐसे में अब तख्तापलट ही सबसे बड़ा रास्ता है।
पकिस्तान में पहले भी हो चुका है तख्तापलट
इससे पहले भी पाकिस्तान में सेना तख्तापलट कर चुकी है। फिर चाहे वो 1958, 1969, 1977 और 1999 ही क्यों ना हो। पाकिस्तान की जनता में भी सरकार के खिलाफ नाराजगी है।
इमरान खान देश को आर्थिक संकट से उबारने में फेल होते नजर आ रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के मसले को भी इमरान नहीं संभाल पाए, जिसकी बातें विपक्ष भी कर रहा है।
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