PM Modi in US: क्या H-1B वीजा नियमों में ढील देगा बाइडन प्रशासन ? पीएम मोदी के यूएस दौरे से भारतीयों को बड़ी उम्मीद

PM Modi in US: भारत-अमेरिका के बीच जब भी शीर्ष स्तर की बातचीत होती है तो एक मुद्दे की चर्चा प्रमुखता से होती है, वो है H-1B वीजा। भारतीय पेशेवरों के बीच इस वीजा की काफी डिमांड है।

Update: 2023-06-23 03:43 GMT
PM Modi in US (photo: social media )

PM Modi in US: धानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के अपने पहले राजकीय दौरे पर हैं। इस दौरे की दुनियाभर में काफी चर्चा है। दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र के मुखिया के अतिथि बनकर अमेरिका गए पीएम मोदी अपने समकक्ष से कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे। भारत-अमेरिका के बीच जब भी शीर्ष स्तर की बातचीत होती है तो एक मुद्दे की चर्चा प्रमुखता से होती है, वो है H-1B वीजा। भारतीय पेशेवरों के बीच इस वीजा की काफी डिमांड है।

हर साल बड़ी संख्या में भारत के उच्च तकनीकी एवं प्रोफेशनल संस्थानों से पढ़कर निकले युवा दुनिया के सबसे धनी मुल्क में अपना भविष्य संवारने की चाह में वीजा के लिए अप्लाई करते हैं। लेकिन उन्हें इसके लिए महीनों वेट करना पड़ता है। जो छात्र अमेरिका में रहकर पढ़ना चाहते हैं, कई बार उन्हें वीजा इतनी देर से मिलती है कि वो ईयर बैक के कगार पर पहुंच जाते हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बहुचर्चित अमेरिका यात्रा को लेकर उन्हें काफी उम्मीदें है।

क्या H-1B वीजा नियमों में ढील देगा बाइडन प्रशासन ?

पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिका पहुंचते ही H-1B वीजा का मुद्दा जोर पकड़ने लगा है। इस पर बाइडन प्रशासन की ओर से सकारात्मक रूख देखने को मिल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका भारतीय प्रधानमंत्री के यात्रा के दौरान H-1B वीजा नियमों में कुछ बदलाव करेगा। अमेरिका भारतीयों के लिए अपने वीजा नियमों में ढील देगा।

मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि अमेरिकी विदेश विभाग इस बाबत जल्द ऐला कर सकता है। बाइडन प्रशासन के इस फैसले से उन हजारों भारतीयों को फायदा होगा जो अमेरिका रोजगार की तलाश में या रह रहने के लिए जाना चाहते हैं। अमेरिका में रहकर काम कर रहे वो भारतीय जिनका H-1B वीजा एक्सपाइर हो गया है अब वे यूएस में रहकर ही वीजा को रिन्यू करा सकेंगे।

H-1B वीजा हासिल करने में भारतीय आगे

भारत विश्व में H-1B वीजा प्रोगाम का सबसे अधिक फायदा उठाने वाला देश है। वित्तीय वर्ष 2022 में इस प्रोग्राम के तहत 73 फीसदी भारतीयों को फायदा हुआ। एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीते साल 4 लाख 42 हजार भारतीय H-1B वीजा पर अमेरिका पहुंचे हैं।

क्या है H-1B वीजा ?

H-1B वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है। ये वीजा अमेरिकी कंपनियों में काम करने वाले उनके कर्मचारियों को दिया जाता है, जिनकी वहां कमी है। इस वीजा को हासिल करने वालों में भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स अव्वल हैं। दिग्गज टेक कंपनियां इन भारतीय टेक पेशेवरों को अपने संस्थान में काम करने के लिए हायर करती हैं। H-1B वीजा की वैलिडिटी छह साल की होती है।

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