पाकिस्तान-चीन पर बवाल: सड़क पर आए लाखों लोग, आग के साथ आए सभी

भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन आपसी जुगलबंदी कर रहे हैं। चीन पाकिस्तान को अपने चंगुल में फंसा कर नए-नए हथकंडों पर काबिज हो रहा है। ऐसे में पाकिस्तान के साथ चीन की इस जहरीली जुगलबंदी के खिलाफ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आग भड़क उठी है।

Update: 2020-08-15 08:27 GMT
हालत ये हैं कि लोगों का ये गुस्सा देख कर पाकिस्तान के हुक्मरान भी सकते में हैं। इमरान की कुर्सी उनके विरोध प्रदर्शनों की वजहों से हिलने लगी है।

नई दिल्ली। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन आपसी जुगलबंदी कर रहे हैं। चीन पाकिस्तान को अपने चंगुल में फंसा कर नए-नए हथकंडों पर काबिज हो रहा है। ऐसे में पाकिस्तान के साथ चीन की इस जहरीली जुगलबंदी के खिलाफ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आग भड़क उठी है। पाक अधिकृत कश्मीर में लोगों को इस बात को लेकर बेहद गुस्सा है कि चीन बांध बनाकर वहां की नीलम और झेलम नदियों के पानी से लोगों को वंचित कर रहा है।

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मुजफ्फराबाद में जबरदस्त प्रदर्शन

वैसे तो ये पूरी दुनिया जानती है कि चीन कितना बड़ा धोखेबाज है वहीं पाकिस्तान की दगाबाजी को भी लोग अच्छे से जानते हैं। ऐसे में अब दोनों देश पीओके(पाक अधिकृत कश्मीर) को शोषण की जमीन बना चुके हैं। बार-बार साजिशें रचने वाले पाकिस्तान और विश्वासघाती चीन के खिलाफ पीओके के मुजफ्फराबाद में जबरदस्त प्रदर्शन हो रहा है।

बता दें, पाकिस्तान और चीन ने पीओके में आजाद पट्टन और कोहला हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स बनाने को लेकर समझौता किया था। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के तहत आजाद पट्टन हाइडेल पावर प्रोजेक्ट को लेकर 6 जुलाई को साइन किए गए थे। इससे 700.7 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा।

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2026 तक पूरा होने की उम्मीद

ऐसे में 1.54 अरब डॉलर के इस प्रोजेक्ट को चीन के जियोझाबा ग्रुप की कंपनी बना रही है। कोहला हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट को झेलम नदी पर बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के 2026 तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। इसे चीन के थ्री गोरजेस कॉर्पोरेशन, इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन और सिल्क बैंक फंड बना रहे हैं।

लेकिन अब चीन के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर विरोध की मशाल तेजी से जल उठी है। मुजफ्फराबाद में चीन के खिलाफ ऐसा प्रदर्शन पहली बार नहीं हुआ। पहले भी कई बार लोगों ने चीन और पाकिस्तान दोनों के विरोध में मोर्चा खोला है। उनका गुस्सा ये है कि डैम बनाने के फैसले से पहले उनसे उनकी राय नहीं ली गई।

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