कैद हुए 400 लोग: अस्पताल से नहीं निकल पा रहे बाहर, Russia Ukraine युद्ध का भयानक असर

Russia-Ukraine: रूस के सैनिकों ने मैरियूपोल पर ताबड़तोड़ बमबारी से हाहाकार मचा हुआ है। ऐसे में रूसी सेनाओं ने मैरियूपोल के मुख्य अस्पताल पर कब्जा कर लिया है।

Newstrack :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2022-03-17 04:30 GMT

यूक्रेन अस्पताल (फोटो- सोशल मीडिया)

Russia-Ukraine: यूक्रेन के मैरियूपोल पर रूसी बमबारी में अबतक करीब 2,500 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। जारी युद्ध के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के सलाहकार ओलेक्सी एरेस्टोविच के अनुसार, हालत इतने ज्यादा खराब होते जा रहे हैं कि लोग शून्य डिग्री से नीचे तापमान में रहने को मजबूर हैं। बिना पानी, बिजली, गैस और दवाई किसी तरह युद्ध के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। 

बड़ी खबर ये भी मिली है कि रूस के सैनिकों ने मैरियूपोल पर ताबड़तोड़ बमबारी से हाहाकार मचा हुआ है। ऐसे में रूसी सेनाओं ने मैरियूपोल के मुख्य अस्पताल पर कब्जा कर लिया है। जिससे अस्पताल में मौजूद करीब 400 से ज्यादा मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों को बंधक बना लिया गया है। यूक्रेन में रूसी हमलों की वजह से करीब 20 हजार लोग अपने-अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं। 

अस्पताल पर रूसी सेनाओं का कब्जा 

इस बारे में यूक्रेन की उपप्रधानमंत्री इरीना वेरेश्चक ने एक वीडियो संदेश जारी किया था। जिसमें बताया कि मंगलवार रात से अस्पताल पर रूसी सेनाओं का कब्जा है। जिससे रूसी सैनिक अस्पताल में मौजूद लोगों को बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं। इसके साथ ही अस्पताल परिसर में मौजूद टैंकों से रूसी फौजों ने गोलाबारी भी की है।

साथ ही मैरियूपोल सिटी काउंसिल के अनुसार, गोलाबारी के बीच 2,000 लोग कारों से भाग निकले। वहीं बहुत सी गाड़ियां शहर से बाहर जाने वाले हाईवे पर खड़ी हैं। शहर को रूसी सैनिकों ने 1 मार्च से ही घेरा हुआ है। वहीं यहां फंसे लोगों को निकालने के लिए बनाया गया सुरक्षा कॉरिडोर भी नाकाम रहा। गाड़ियों से भागने में सफल रही एक महिला लिडिया ने बताया, रूसी बम उनके घर केे पास गिर रहे थे, हमने गोलाबारी के बीच वतन छोड़ा है।

इस बारे में यूक्रेन छोड़ने वाली लिडिया ने बताया, उन्होंने 60 लोगों के साथ एक बेसमेंट में दो हफ्ते शरण ली। रूसी प्लेन बहुत नीचे उड़ रहे थे। हमले का डर सता रहा था। इसलिए कई बार रुकना और बच्चों को छिपाना पड़ा।

दूसरी तरफ स्वेतलाना ने बताया, उन्होंने करीब 17 लोगों को अपने घर में पनाह दी। बारिश का पानी एकत्र कर सूप पकाया। मैं शहर नहीं छोड़ना चाहती थी, लेकिन जब चौबीसों घंटे बमबारी हुई तो मुश्किल हो गया। 57 वर्षीय स्वेतलाना का बेटा मैरियूपोल में ही है जिसे लेकर वे बहुत चिंतित हैं।


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