सऊदी अरब ने दी उमरा की इजाजत, इन नियमों का करना होगा पालन
रमजान के दौरान उमरा करने के लिए सऊदी अरब ने दरवाजे खोल दिए हैं लेकिन कुछ शर्तों के साथ। सऊदी अधिकारियों
लखनऊ। रमजान के दौरान उमरा करने के लिए सऊदी अरब ने दरवाजे खोल दिए हैं लेकिन कुछ शर्तों के साथ। सऊदी अधिकारियों ने कहा है कि जो लोग कोरोना का टीका लगवा चुके हैं उन्हें ही उमरा करने की इजाजत होगी। सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि तीन श्रेणियों के लोगों को इम्युनाइज्ड या प्रतिरक्षित माना जाएगा - जिन लोगों ने वैक्सीन की दो खुराकें ली हुई हैं, दूसरा उन लोगों को जिन्होंने 14 दिन पहले खुराक ली हो और तीसरे वे लोग जो कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक हो चुके हैं।
सिर्फ इन्हीं लोगों को हज-उमरा की इजाजत दी जाएगी और मक्का की मस्जिद अल-हरम में नमाज पढ़ने की छूट होगी। यह शर्त मदीना में पैगंबर मोहम्मद की मस्जिद, मस्जिद-ए-नबवी के लिए भी लागू होंगी। सऊदी सरकार ने कहा है कि इस नीति के लागू किए जाने से रमजान के दौरान अल-हरम मस्जिद में अब ज्यादा लोग आ सकेंगे।
इस महीने शुरू हो रहा है रमजान
सऊदी की नई नीति रमजान से शुरू होगी। लेकिन ये नीति कब तक लागू रहेगी ये साफ़ नहीं है। हज में भी यही शर्तें लागू रहेंगी कि नहीं ये भी बताया नहीं गया है। हज यात्रा इस साल के अंत में होगी।
बहरहाल, सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि उसने 3.4 करोड़ आबादी वाले देश में अब तक 50 लाख लोगों को कोरोना की वैक्सीन की खुराक दी है।
पिछले साल कोरोना वायरस के कारण इतिहास में सबसे कम लोग हज के लिए सऊदी अरब पहुंचे थे। सिर्फ 10 हजार सऊदी ही हज में शामिल हो पाए थे। 2019 में दुनिया भर से करीब 25 लाख लोग हज के लिए पहुंचे थे।
करीब चार लाख केस सामने आए
सऊदी अरब में अभी तक कोरोना के 393,000 मामले सामने आए हैं और संक्रमण से 6,700 लोगों की मौत भी हुई है। पिछले महीने ही किंग सलमान ने हज मंत्री को भी बदल दिया था। इस आदेश के अनुसार, मोहम्मद बेंटन को उनके पद से हटाकर ये पद एस्साम बिन सईद को सौंपा गया है। पिछले साल कोरोना महामारी के चलते मार्च में स्थगित उमरा की दोबारा शुरुआत अक्तूबर 2020 में हुई थी।