धमाके में उड़े जवान: आत्मघाती हमले में 9 लोगों की मौत, आतंकियों का बने निशाना

दक्षिणी अफगानिस्तान में बड़ा आतंकी हमला हो गया है। आत्मघाती कार बम विस्फोट को गुरूवार को अंजाम दिया गया। जिसमें 9 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, वहीं एक बच्चों की भी जान चली गई।

Update: 2020-10-01 11:49 GMT
दक्षिणी अफगानिस्तान में बड़ा आतंकी हमला हो गया है। यहां एक सैन्य जांच चौकी को आतंकियों ने निशाना बनाते हुए आत्मघाती बम धमाके किए गए।

काबुल। दक्षिणी अफगानिस्तान में बड़ा आतंकी हमला हो गया है। यहां एक सैन्य जांच चौकी को आतंकियों ने निशाना बनाते हुए आत्मघाती बम धमाके किए गए। इस आत्मघाती कार बम विस्फोट में 9 लोगों की मौत हो गई। इस धमाके के बारे में हेलमंद प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता ओमर ज़वाक ने गुरूवार को बताया कि यह आत्मघाती हमला नहरी साराह जिले में बुधवार देर रात हुआ। इसमें एक छोटा बच्चा और सुरक्षा बल के 3 जवान घायल भी हुए हैं।

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9 लोगों की दर्दनाक मौत

आत्मघाती कार बम विस्फोट को गुरूवार को अंजाम दिया गया। जिसमें 9 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, वहीं एक बच्चों की भी जान चली गई। धमाके के बारे में हेलमंद प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता ओमर ने बताया कि जिस समय हमलावरों ने जांच चौकी को निशाना बनाया उस वक्त कुछ लोग एक वाहन से वहां से गुजर रहे थे। इनमें दो महिलाओं की मौत हो गई।

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फोटो-सोशल मीडिया

आगे बताया कि फिलहाल किसी आतंकवादी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। आत्मघाती हमले की यह घटना ऐसे वक्त हुई है जब तालिबान और अफानिस्तान सरकार की ओर से नियुक्त वार्ताकारों के बीच कतर में ऐतिहासिक शांति वार्ता चल रही है। इस वार्ता का उद्देश्य संघर्ष को समाप्त करना और देश में शांति और स्थिरता के लिए रूपरेखा तैयार करना है।

सहमति नहीं बन पाई

ऐसे में तालिबान और अफगान सरकार के प्रतिनिधियों के संपर्क समूहों में वार्ता की शुरुआत के बाद दोनों पक्षों द्वारा गठित समूहों ने लंबी बैठक की, लेकिन दो अहम बिंदुओं पर सहमति नहीं बन पाई है।

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इस बारे में एक अन्य सदस्य के मुताबिक, वार्ता को आगे बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। हमें दो अहम बुनियादी बिंदुओं पर सहमत होना है। हमें उन मूल्यों को इकट्ठा करना है, जो आज के अफगानिस्तान और भविष्य के अफगानिस्तान का निर्माण करेंगे। यह हमारी पहचान के लिए बहुत जरूरी है। एक अन्य सदस्य का कहना है कि कोई भी यह भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि मतभेद कब दूर होंगे।

इस बीच, तालिबान ने कहा है कि 29 फरवरी को अमेरिका के साथ हुआ समझौता अफगान शांति वार्ता का मुख्य आधार है। इसे मान्यता दिए बिना वार्ता को जारी रखने का कोई मतलब नहीं है। शांति वार्ता का एजेंडा तय करने के लिए संपर्क समूह अब तक पांच बैठकें कर चुके हैं।

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