कर्ज तले चरमराया श्रीलंका, खाने के लाले पड़े

Sri Lanka Debt Crisis: अफगानिस्तान और पाकिस्तान की तरह अब श्रीलंका की माली हालत बेहद खस्ता हो गई है। देश पर 26 अरब डॉलर का कर्ज है जिसे चुकाने के कोई जरिया नहीं है।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Chitra Singh
Update: 2022-01-03 06:05 GMT
श्रीलंका (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

Sri Lanka Debt Crisis: अफगानिस्तान और पाकिस्तान की तरह अब श्रीलंका की माली हालत बेहद खस्ता हो गई है। देश पर 26 अरब डॉलर का कर्ज है जिसे चुकाने के कोई जरिया नहीं है। देश का खजाना खाली हो जाने की वजह से खाद्य पदार्थ इम्पोर्ट नहीं किये जा रहे हैं और नतीजतन महंगाई एक महीने में 22 फीसदी (sri lanka inflation rate) बढ़ गई है। श्रीलंका ईरान से खरीदे गए तेल का पैसा नहीं दे पा रहा है सो इसके बदले में सैकड़ों कंटेनर चाय ईरान को भेजी जा रही है।

श्रीलंका में खाद्य पदार्थों के दाम (sri lanka food prices) दिसम्बर में 22.1 फीसदी बढ़ गए हैं। देश के जनगणना एवं सांख्यिकी विभाग के अनुसार खाद्य पदार्थों की महंगाई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है। पिछले साल की तुलना में इस साल नवम्बर में खाद्य पदार्थों के दाम 17.5 फीसदी बढ़े थे जबकि दिसम्बर में ये 22.1 फीसदी बढ़ गए। देश में ओवरऑल महंगाई दिसम्बर में 12.01 फीसदी बढ़ गई है।

श्रीलंका के प्रेसिडेंटगोतबया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) ने नए साल के अपने संदेश में उम्मीद व्यक्त की कि देश की अर्थव्यवस्था संकट (sri lanka economic crisis) से उबर जाएगी। लेकिन ये कैसे होगा, इस बारे में उन्होंने कोई उपाय नहीं बताए। इंटरनेशनल रेटिंग एजेंसियों ने श्रीलंका की रेटिंग घटा दी है और अब बड़ी चिंता इस बात की है कि देश 26 अरब डॉलर के कर्ज को लौटाएगा कैसे।

गोटाबाया राजपक्षे (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

विश्व बैंक के अनुमानों के मुताबिक कोरोना महामारी के शुरू होने के बाद से देश में 500,000 लोग गरीबी के जाल में फंस गए हैं। जो परिवार पहले संपन्न माने जाते थे, उनके लिए भी दो जून की रोटी जुटानी मुश्किल पड़ रही है। देश के अधिकांश परिवारों के लिए अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करना ही भारी पड़ रहा है। देश में इकनॉमिक एमरजेंसी (sri lanka economic emergency) घोषित करने के साथ ही सेना को जरूरी चीजों की आपूर्ति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन इससे भी लोगों की परेशानी दूर नहीं हुई।

श्रीलंका के इस हालात के लिए विदेशी लोन भी जिम्मेदार है। चीन का श्रीलंका पर 5 अरब डॉलर से अधिक कर्ज (sri lanka debt to china) है। पिछले साल उसने देश में वित्तीय संकट से उबरने के लिए चीन से और 1 अरब डॉलर का कर्ज लिया था। अगले 12 महीनों में देश को घरेलू और विदेशी लोन के भुगतान के लिए करीब 7.3 अरब डॉलर की जरूरत है। जनवरी में 50 करोड़ डॉलर के इंटरनेशनल सॉवरेन बॉन्ड का भुगतान किया जाना है। नवंबर तक देश में विदेशी मुद्रा का भंडार महज 1.6 अरब डॉलर था जो कि बेहद खतरनाक लेवल है।

श्रीलंका-चीन (फोटो- सोशल मीडिया)

श्रीलंका के पूर्व सैन्य कमांडर और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सरथ फोनसेका ने कहा है कि युगांडा की ही तरह श्रीलंका भी चीन के कर्ज के जाल में फंसता जा रहा है। उन्होंने कहा कि युगांडा की ही तर्ज पर यहां भी भ्रष्ट राजनेताओं ने राष्ट्रीय योजनाओं और वरीयताओं को दरकिनार करके ऊंची ब्याज दलों पर चीनी कर्ज की सहायता से पूरे देश की संपत्ति को निर्माण कार्यो और बड़े कर्जो में डुबो दिया। उन्होंने कहा कि कोलंबो हार्बर को विकसित करने के बजाय कम अहम परियोजना हमबनतोता हार्बर को महत्व दिया गया और अब ये प्रोजेक्ट चीन की संपत्ति बन चुका है।

पर्यटन उद्योग चौपट

श्रीलंका की कुल जीडीपी (Sri Lanka GDP) में पर्यटन का हिस्सा 10 फीसदी है। लेकिन महामारी के कारण यह सेक्टर सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। ट्रैवल एंड टूरिज्म सेक्टर में 200,000 से अधिक लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। बड़ी संख्या में देश के युवा और शिक्षित लोग देश छोड़ना चाहते हैं। इस सूरतेहाल ने पुरानी पीढ़ी के लिए 1970 के दशक की यादें को ताजा कर दिया है जब आयात पर नियंत्रण और घरेलू स्तर पर कम उत्पादन के कारण बुनियादी चीजों की भारी किल्लत हो गई थी।

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