स्टीफन हॉकिंग : ब्रम्हांड के रहस्यों पर से उठाया पर्दा, जानिए ये ख़ास बातें

विश्व प्रसिद्ध महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग अब हमारे बीच नहीं रहे। 76 साल के स्टीफन का निधन आज (14 मार्च) हुआ। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, ये जानकारी उनके पारिवारिक प्रवक्ता ने दी। स्टीफन हॉकिंग 21 साल की उम्र में मोटर न्यूरॉन बीमारी से पीड़ित हो गए थे।

Update:2018-03-14 10:20 IST

नई दिल्ली: विश्व प्रसिद्ध महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग अब हमारे बीच नहीं रहे। 76 साल के स्टीफन का निधन आज (14 मार्च) हुआ। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, ये जानकारी उनके पारिवारिक प्रवक्ता ने दी। स्टीफन हॉकिंग 21 साल की उम्र में एमियोट्रोफिक लेटरल स्केलरोसिस से पीड़ित हो गए थे।

स्टीफन हॉकिंग ने ब्लैक होल और बिग बैंग सिद्धांत को समझने में अहम योगदान दिया है।

पढें उनके बारे में ये कुछ ख़ास बातें:

- स्टीफन हॉकिंग का जन्म महान खगोल वैज्ञानिक गैलिलियो की मौत के 300 साल बाद उसी दिन 8 जनवरी 1942 को इंग्लैंड में हुआ था।

- स्कूल के दिनों में उन्होंने 'आइंस्टीन' कहा जाता था।

- हालांकि, उनके ग्रेड्स कम आते थे पर हर चीज को जानने का जबरदस्त उत्साह उनके अंदर था।

- हॉकिंग की रूचि मैथमेटिक्स की पढ़ाई करने में थी लेकिन उनके पिता चाहते थे कि वो मेडिकल का कोर्स करें।

- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में उस वक्त मैथमेटिक्स नहीं होने की वजह से उन्होंने फिजिक्स की पढ़ाई शुरू की।

-3 साल के भीतर उन्होंने ऑनर्स के साथ नेचुरल साइंस की डिग्री हासिल कर ली।

- इसी के बाद से शुरू हुई हॉकिंग की 'दूसरी दुनिया' का सफर।

21 साल की उम्र में हुई ये बीमारी

- हॉकिंग महज 21 साल की उम्र में एमियोट्रोफिक लेटरल स्केलरोसिस से पीड़ित हो गए।

- डॉक्टर ने कहा कि वो दो साल से ज्यादा जिंदा नहीं रह सकते।

- इस बीमारी से हॉकिंग का नर्वस सिस्टम बिगड़ता जा रहा था, उनके शरीर के अंगों ने काम करना बंद कर दिया।

- बोलने और लिखने की क्षमता कम हो गई। पूरे शरीर में सिर्फ दिमाग ही था जो काम कर रहा था।

- इसी दिमाग को हॉकिंग ने अपनी ताकत बनाया। उन्होंने एक ऐसा सिस्टम डेवेलप किया जिसमें विजुअल की मदद से अपनी बात को एक्सप्रेस किया जा सकता है।

- आमतौर पर इस बीमारी के बाद आदमी सिर्फ तीन साल जी सकता है. लेकिन वो 50 साल से ज्यादा झेल गए

कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में मिला ये सम्मान

- वो कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की तरफ बढ़े और वहां के बेहतरीन रिसर्चर और फेलो के तौर पर सम्मान हासिल किया।

- साल 1979 से 2009 तक हॉकिंग कैंब्रिज में बतौर प्रोफेसर (Lucasian Professor) काम करते रहे, बता दें ये वही पोस्ट है जिसे साल 1663 में आइजैक न्यूटन संभाला करते थे. अभी भी वो यूनिवर्सिटी को अपना योगदान देते रहते हैं।

- स्टीफन हॉकिंग ने 1966 में एक थिसिस सब्मिट की थी- प्रॉपर्टी ऑफ एक्सपेंडिंग यूनिवर्स, जिसमें उन्होंने बताया था कि कैसे ब्रह्मांड फैल रहा है या उसका विस्तार हो रहा है।

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