Sudan Mein Takhtapalat : सैन्य तख्तापलट के खिलाफ देशव्यापी विरोध के लिए तैयार सूडान नागरिक

Sudan Mein Takhtapalat : सैन्य तख्तापलट के विरोध में शनिवार को सूडान के नागरिकों ने देशव्यापी आंदोलन का आह्वान किया है।

Written By :  Rajat Verma
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-10-30 09:15 GMT

सूडान में सैन्य तख्तापलट (फोटो- सोशल मीडिया)

Sudan Mein Takhtapalat : सूडान में हुए सैन्य तख्तापलट के विरोध में शनिवार को देश के नागरिकों ने देशव्यापी आंदोलन का आह्वान किया है। इस देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे लोगों का कहना है कि उनका सीधा सा उद्देश्य देश में लोकतंत्र को वापस पटरी पर लाना है।

इस सप्ताह हज़ारों सूडान नागरिक सड़कों पर उतरकर जनरल अब्देल फ़तह अल-बुरहान द्वारा सैन्य तख्तापलट में प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक की लोकतांत्रिक सरकार को हटाने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं । इसी आंदोलन के चलते पश्चिमी राज्यों की करोड़ों की सहायता राशि भी रोकनी पड़ गयी है। इस सप्ताह सुरक्षा बलों के साथ संघर्ष में कम से कम 11 प्रदर्शनकारियों के मारे जाने की सूचना प्राप्त हुई है।

किसी भी प्रकार की हिंसा अस्वीकार

विरोध प्रदर्शन कर रहे मोहम्मद नामक कार्यकर्ता ने कहा कि " सेना को अपनी बैरकों में वापस जाना होगा। अब्दुल्ला हमदोक के नेतृत्व वाली सरकार को पुनः देश की सत्ता पर काबिज की इजाज़त देनी होगी। हमारी केवल यही मांग है कि सूडान वापस से एक लोकतांत्रिक देश बने। देश में खो चुका लोकतंत्र वापस पटरी पर आ जाए।"

फोटो- सोशल मीडिया

विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने विरोध प्रदर्शन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि-"हम सुरक्षा बलों से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा से पेश ना आने की अपील करते हैं । हम सुरक्षा बलों से यह उम्मीद भी रखते हैं कि नागरिकों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के अधिकार का भी पूरी तरह से सम्मान किया जाए।

लोकतांत्रिक सत्ता स्थापित करने की मांग 

इस विषय पर बात करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि-"सूडान के सुरक्षा बलों को मानवाधिकार के नियमों का सम्मान करना चाहिए।सुरक्षा बलों द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ किसी भी प्रकार की हिंसा अस्वीकार होगी। लोकतंत्र की इस लड़ाई में संयुक्त राष्ट्र अमेरिका सूडान के लोगों के साथ खड़ा है।"

सूडान में सैन्य तख्तापलट के बाद प्रदर्शन कर रहे लोगों को ज़रूरी सुविधाओं से दूर कर दिया गया है। लोग इसके खिलाफ निरंतर आवाज़ उठा रहे हैं और पुनः एक बार फिर लोकतांत्रिक सत्ता स्थापित करने की मांग कर रहे हैं।

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