मिनटों में खत्म होगा कोरोना! वैक्सीन-इलाज की जरुरत नहीं, मिला नया तरीका

अमेरिका के सरकारी वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस पर एक शोध किया है, जिसे के बारे में वाइट हाउस से डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी के विज्ञान और प्रौद्योगिकी सलाहकार विलियम ब्रायन ने जानकारी दी। ब्रायन ने बताया कि सूरज की किरणों के संपर्क में आते ही कोरोना वायरस खत्म हो जाता है।

Update: 2020-04-24 16:06 GMT

नई दिल्ली: कोरोना वायरस को लेकर दुनिया के तमाम देशों के वैज्ञानिक रिसर्च में लगे हुए हैं। वहीं शोध के आधार पर कई तरह के दावे कर रहे हैं। इसी कड़ी में अब अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कोरोना के खत्म होने को लेकर बड़ा दावा किया है। वैज्ञानिकों के शोध के मुताबिक, सूरज की किरणों के सम्पर्क में आने से वायरस खत्म हो जाता है।

अमेरिकी वैज्ञानिकों का दावा

अमेरिका के सरकारी वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस पर एक शोध किया है, जिसे के बारे में वाइट हाउस से डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी के विज्ञान और प्रौद्योगिकी सलाहकार विलियम ब्रायन ने जानकारी दी। ब्रायन ने बताया कि सूरज की किरणों के संपर्क में आते ही कोरोना वायरस खत्म हो जाता है।

सूरज की किरणों से जल्दी खत्म होता है कोरोना वायरस

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस पर पराबैंगनी किरणों का प्रभाव शोध के दौरान देखा गया। ऐसे में वैज्ञानिकों ने उम्मदी जताई है कि गर्मी में कोरोना संक्रमण का प्रसार कम हो सकता है।

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तापमान और नमी दोनों का कोरोना पर असर

इस शोध में ये भी पता चला कि सूरज की किरणें सतह और हवा दोनों ही स्थिति में कोरोना को खत्म करने की क्षमता रखती है। इसके लिए वैज्ञानिकों ने तापमान और नमी में दोनों हालातों में कोरोना पर प्रभाव देखा।

हालाँकि इस महत्वपूर्ण शोध को समीक्षा के लिए अभी तक जारी नहीं किया गया है। ऐसे में अन्य वैज्ञानिक इस अध्धयन पर टिप्पणी नहीं कर सकते हैं और न ही इस बात में सहमति और असहमति जता सकते हैं कि किया गया शोध कितना प्रभावी है।

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शोध को समीक्षा के लिए नहीं किया अभी तक जारी

अमेरिका के सरकारी वैज्ञानिकों द्वारा किये गए इस अध्धयन को लेकर टेक्सास स्थित ए एंड एम यूनिवर्सिटी में बॉयोलॉजिकल साइंसेज के चेयरमैन बेंजामिन ने कुछ उठाये। उन्होंने पूछा कि ये किया गया और इसके परिणामों को इस तरह से मापा गया?

धूप में कोरोना के खत्म होने का दावा

शोध के तर्क को साबित करने के लिए ब्रायन ने मैरीलैंड स्थित नेशनल बायोडिफेंस एनालिसिस एंड काउंटर मेजर्स सेंटर के एक शोध को साझा किया, इसमें कहा गया है कि 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान और नमी, सतहों पर वायरस के जिंदा रहने के समय को आधा कर देती है। ऐसे में जो वायरस 18 घंटों तक जीवित रह सकता है, वह गर्मी के चलते चंद मिनटों में मर जाता है।

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