आज विश्व दूध दिवस, जाने क्या हैं इस बार की थीम और क्या हैं इसका इतिहास
दुनियाभर में दूध के महत्व और दूध के पोषण मूल्य को महत्व दिया जाता है। और पूरे डेयरी उद्योग इस प्रकार दुनिया भर में अरबों की आजीविका में योगदान देते है। यह दूध को वैश्विक भोजन के रूप में मान्यता देने पर अधिक ध्यान आकर्षित करता है।
नई दिल्ली: प्रत्येक वर्ष 1 जून को विश्व दूग्ध दिवस मनाया जाता हैं। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य डेयरी क्षेत्र में स्थिरता, आर्थिक विकास, आजीविका और पोषण के योगदान की महत्ता की ओर है।
दुनियाभर में दूध के महत्व और दूध के पोषण मूल्य को महत्व दिया जाता है। और पूरे डेयरी उद्योग इस प्रकार दुनिया भर में अरबों की आजीविका में योगदान देते है। यह दूध को वैश्विक भोजन के रूप में मान्यता देने पर अधिक ध्यान आकर्षित करता है।
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थीम: विश्व दुग्ध दिवस 2019 इस वर्ष विश्व दुग्ध दिवस का विषय है "दूध पीना: आज और हर दिन।" यह इस डेयरी उत्पाद के महत्व पर प्रकाश डालता है और बताता है कि हर किसी को इसे अपनी दिनचर्या में कैसे शामिल करना चाहिए।
इससे पहले मैराथन, परिवारों की दौड़, खेत का दौरा, स्कूल की गतिविधियों, संगीत, सम्मेलनों, सेमिनारों के साथ-साथ कई कार्यक्रमों को आयोजित करके दिन मनाया जाता था। कुछ संगठन स्कूलों, फूड बैंकों को दूध दान देने, दूध-बार लगाने और पोषण सम्मेलनों को आयोजित करने में योगदान देते हैं।
दूध दिवस का इतिहास और महत्व
विश्व दुग्ध दिवस की शुरुआत वर्ष 2001 में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन द्वारा की गई थी। हर साल नए देश इस दिवस को मनाने के लिए शामिल होते हैं और वर्ष 2018 में 72 देशों में 586 से अधिक कार्यक्रम हुए। विभिन्न अभियान आयोजित किए जाते हैं जो किसी व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य के लिए दूध के महत्व को बताया जाता हैं।
यह दिन स्वस्थ आहार, जिम्मेदार खाद्य उत्पादन और सहायक आजीविका और समुदायों में डेयरी के हिस्से के बारे में जागरूकता बढ़ाता है। यह कार्यक्रम दुनिया भर के दुग्ध उद्योगों की गतिविधियों को प्रचारित करते हैं।
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इसके अलावा, इस दिन इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन कुछ प्रचार गतिविधियों को भी आयोजित करते है। इस दिन के उत्सव ने दूध की वास्तविकता को समझने के लिए एक बड़ी आबादी को प्रभावित किया है और इसे आहार कार्यक्रम में शामिल करना महत्वपूर्ण है।