Turkey Rejects Indian Wheat: भारतीय गेहूं से लदे जहाज को तुर्की ने लौटाया, रूबेला वायरस को बताया कारण

Turkey Rejects Indian Wheat: दुनिया में इन दिनों जहां गेहूं के लिए हाहाकार मचा हुआ है, वहीं तुर्की ने भारतीय गेहूं (Indian Wheat) को लेने से मना कर दिया है।

Update:2022-06-01 18:08 IST

भारतीय गेहूं से लदे जहाज को तुर्की ने लौटाया: Photo - Social Media

New Delhi: दुनिया में इन दिनों जहां गेहूं के लिए हाहाकार मचा (Wheat shortage in the world) हुआ है, वहीं तुर्की ने भारतीय गेहूं (Indian Wheat) को लेने से मना कर दिया है। भारतीय गेहूं से लदे जहाज को तुर्की ने अपने बंदरगाह से वापस लौटा दिया। तुर्की सरकार (Turkish government) से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, कृषि मंत्रालय को भारतीय गेहूं में रूबेला वायरस (rubella virus) नामक बीमारी का पता चला है, जिस कारण इसे रिजेक्ट किया गया है। 56,877 मिलियन टन गेहूं से लदा एमवी इंस अकडेनिज जहाज तुर्की के इस्केंडरून बंदरगाह से वापस भारत के लिए निकल चुका है और इसके जून के मध्य तक गुजरात के कांडला बंदरगाह पहुंचने की उम्मीद है।

इस मामले में अब तक तुर्की की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। तुर्की ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब अमेरिका (America) समेत पश्चिम की तमाम बड़ी शक्तियां भारत से गेहूं के निर्यात पर लगे रोक को हटाने की मांग कर रहे हैं। दरअसल रूस–यूक्रेन जंग के कारण दुनियाभर में गेहूं की सप्लाई प्रभावित हुई है। दोनों देश दुनिया के बड़े गेहूं निर्यातक देश हैं।

भारत को भी हो सकती है दिक्कत

जानकारों के मुताबिक तुर्की के इस कदम से भारतीय निर्यातकों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। क्योंकि अगले कुछ दिनों में मिस्त्र सहित विभिन्न देशों में भारतीय गेहूं का शिपमेंट जाना है। ऐसे में तुर्की के नक्शेकदम पर चलते हुए दूसरे देश भी इसकी गुणवत्ता को लेकर सवाल उठा सकते हैं।

तुर्की कर रहा इस योजना पर काम

लगातार बढ़ती महंगाई और कमजोर होती करेंसी के कारण तुर्की की आर्थिक सेहत भी डवांडोल हो चुकी है। रूस –यूक्रेन जंग के कारण देश में अनाज का संकट भी उत्पन्न हो गया है। तुर्की भारत के बजाय यूक्रेन से ही गेहूं मंगाना चाहता है। इसके लिए वह रूस और यूक्रेन दोनों से लगातार बातचीत कर रहा है। तुर्की यूक्रेन के ब्लैक सी पोर्ट्स से एक कॉरिडोर के जरिए गेहूं इंपोर्ट करने की योजना बना रहा है।

बता दें कि रूसी हमले के कारण 20 मिलियन टन से अधिक अनाज यूक्रेनी बंदरगाह पर फंसा हुआ है। हालांकि, अगर तुर्की की रूस और यूक्रेन के साथ बातचीत बेनतीजा रहती है तो उसके लिए भारतीय गेहूं का ठुकराना महंगा पड़ सकता है।

बता दें कि भारत विश्व का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश (India is the world's largest wheat producer) है। मगर वो कम गेहूं निर्यात करता है। गेहूं निर्यात के मामले में रूस सबसे बड़ा खिलाड़ी है। वहीं यूक्रेन इस मामले में छठे पायदान पर है। दोनों देशों के बीच जारी जंग के कारण दुनिया में गेहूं की कमी हो गई है। भारत ने घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतों में आए अचानक उछाल को देखते हुए 13 मई को इसके निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया था। दुनिया के कई देशों ने इसकी आलोचना भी की थी। अमेरिका समेत यूरोप के कई देशों ने भारत सरकार (Indian government) से अपने फैसले पर फिर से विचार करने का आग्रह किया था।

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