ग्लैमरस मास्क ये तो जरूर लगाएंगेः आ गए सोने चांदी के मास्क, चमका बिजनेस

तुर्की के एक शिल्पकार साबरी देमीर्चि ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान चांदी और सोने के मास्क (Gold-Silver Masks) बनाना शुरू कर दिया। अब वो करीब 150 से 200 मास्क का वीकली उत्पादन करते हैं।

Update: 2020-11-28 07:22 GMT
ग्लैमरस मास्क ये तो जरूर लगाएंगेः आ गए सोने चांदी के मास्क, चमका बिजनेस

नई दिल्ली: पूरी दुनिया बीते करीब दस महीनों से कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus) का सामना कर रही है। इस महामारी ने ना जाने कितने लोगों के जीवनयापन का सहारा छीन लिया और ना जाने कितने ही क्षेत्रों को मंदी तक ला दिया है। लाखों करोड़ों की संख्या में लोग बेरोजगार हो गए हैं। लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने इस आपदा को अवसर में बदलने का एक मौका नहीं छोड़ा। ऐसी ही एक कहानी है तुर्की के एक शिल्पकार की।

कोरोना के चलते दुकान को लगाना पड़ा था ताला

तुर्की के 43 वर्षीय इस शिल्पकार का नाम साबरी देमीर्चि है। औरों की तरह साबरी को भी कोरोना वायरस के चलते अपनी दुकान को कुछ समय के लिए ताला लगाना पड़ा था। लेकिन उन्होंने इस दौरान घर पर मिले खाली समय का भरपूर इस्तेमाल किया और शुरू कर दिया अपना नया काम। साबरी देमीर्चि ने घर में रहकर चांदी और सोने के मास्क (Gold-Silver Masks) बनाना शुरू कर दिया। जो कि वैक्सीन आने तक कोरोना के खिलाफ एक बड़ा हथियार है और अब जिंदगी का एक अहम हिस्सा भी बन गया है।

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(सांकेतिक फोटो- सोशल मीडिया)

बनाए सोने और चांदी दोनों के मास्क

दरअसल, तुर्की के शिल्पकार साबरी देमीर्चि बीते करीब 32 सालों से चांदी का काम कर रहे हैं। साबरी ने सुना कि चांदी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। जिसके बाद उन्होंने इस बारे में और जानकारी जुटानी शुरू की। जानकारी मिलने के बाद उन्होंने यह तय किया कि अगले दो से ढाई महीनों में वो चांदी के मास्क तैयार करेंगे। जून में साबरी में फिर से अपनी दुकान खोली और चांदी के मास्क का सांचा तैयार करना शुरू कर दिया। इसके बाद वो सोने और चांदी दोनों के मास्क तैयार करने लगे।

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मास्क पहनने पर नहीं होती कोई दिक्कत

एक इंग्लिश वेबसाइट के मुताबिक, बुधवार को साबरी ने एक न्यूज एजेंसी से बताया कि उन्होंने पांच महीनों तक मास्क की डिजाइन और सांचे पर काम किया और अब वह एंटीबैक्टीरियल चांदी के मास्क का निर्माण शुरू कर रहे हैं। बता दें कि साबरी मास्क बनाने के लिए जिस चांदी का इस्तेमाल करते हैं वो 999 फाइन सिल्वर से बने हैं, जिनका वजन करीब 20 ग्राम है। उन्होंने बताया कि मास्क के अंदर आरामदायक एहसास के लिए सिल्क भी लगाया गया है।

हफ्ते में 150 से 200 मास्क का उत्पादन करते हैं साबरी

वहीं अगर सोने के मास्क की बात की जाए तो सोने का वजह सिल्वर से थोड़ा ज्यादा 25 ग्राम है। इन मास्क की खास बात यह है कि इसे पहनने के बाद सांस लेने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होती। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, साबरी देमीर्चि 150 से 200 मास्क के बीच साप्ताहिक उत्पादन करते हैं। इन मास्क को साफ करने के लिए हल्के कपड़े का इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह मास्क डिस्पोजेबल नहीं है, लेकिन महामारी खत्म होने के बाद इन्हें बेचा जा सकता है।

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