भांग को लेकर यूएन का ऐतिहासिक फैसला, पक्ष में आए ये देश, भारत ने किया विरोध

जानकारी के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के मादक पदार्थ आयोग ने भांग को ड्रग्स की सूची में रखा था। बता दें कि भांग के अलावा हेरोइन जैसे खतरनाक ड्रग्स भी शामिल थे। इस सूची में उन सभी ड्रग्स को शामिल किया गया है जो बहुत तेजी से एडिक्टिव होते हैं। ये वो ड्रग्स है, जो इंसानों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।

Update: 2020-12-03 13:19 GMT
भांग को लेकर यूएन का ऐतिहासिक फैसला, पक्ष में आए ये देश, भारत ने किया विरोध

लखनऊ: भारत में शिवरात्रि और सावन जैसे पावन अवसर पर भगवान शिव को भांग चढ़ाया जाता है और इसी भांग को प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं में बांटा जाता है। अब भगवान शिव के इस प्रसाद को संयुक्त राष्ट्र संघ ने एक आयुर्वेदिक दवा की मान्यता दे दी हैं। जी हां, विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा भांग की सिफारिश करने के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने भांग को दवा के रूप में मान्यता देने का फैसला किया है। UN के इस फैसले में 27 देशों का साथ मिला हैं। बता दें कि पहले भांग को ड्रग्स की लिस्ट रखा गया था। अब इस लिस्ट से हटाकर दवा के लिस्ट में शामिल कर दिया है।

भांग को मिला दवा का दर्जा

जानकारी के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के मादक पदार्थ आयोग ने भांग को ड्रग्स की सूची में रखा था। बता दें कि भांग के अलावा हेरोइन जैसे खतरनाक ड्रग्स भी शामिल थे। इस सूची में उन सभी ड्रग्स को शामिल किया गया है, जो बहुत तेजी से एडिक्टिव होते हैं। ये वो ड्रग्स है, जो इंसानों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। वहीं अब इस लिस्ट से भांग को हटाकर दवा का दर्जा दे दिया गया है। UN के कानून के मुताबिक, भांग को अब गैर-मेडिकल के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

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यूएन के इस फैसले के विरोध में था भारत

भांग को दवा के रूप में मान्यता देने के लिए यूएन वोटिंग कराई थी। इस वोटिंग में करीब 52 देशों में से 27 देशों ने भांग को दवा की मान्यता देने के पक्ष में खड़े हुए। वहीं 25 देश ऐसे थे, जिन्हें ये फैसला रास नहीं आई। बता दें कि यूएन के इस फैसले का विरोध खुद भारत ने भी किया। भारत के अलावा पाकिस्ता न, नाइजीरिया और रूस ने भी इस फैसले का विरोध किया था।

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कई देश करेंगे अपनी पॉलिसी में बदलाव

भांग को दवा की मान्यता मिलने के बाद साइंटिफिक रिसर्च को काफी बढ़ावा देखने को मिला है। यूएन के इस फैसले के बाद कई देश के भांग जैसे पदार्थों पर अपनी पॉलिसी में बदलाव कर सकते हैं।

यूएन के फैसले के पक्ष में आए 27 देश

बरहाल, लगभग 52 देशों ने भांग की महत्व को समझते हुए 27 देशों ने यूएन के फैसले के पक्ष में वोटिंग की हैं। अमेरिका, कनाडा, उरुग्वे समेत 15 देशों में दवा के रूप में इस्तेमाल करने के रूप में भांग को मान्यता दी जा चुकी है। वहीं भारत के दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों गैर-कानूनी के रूप गांजे जैसे मादक पदार्थों बेचा जाता है। जबकि देश में ऐसे ड्रग्स पर पाबंदिया लगाई गई हैं।

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