न्यूयॉर्क: यूएन प्रमुख बान की मून ने बुद्धपूर्णिमा के दिन अपने संदेश में कहा है कि समाज को नफरत से बांटने वाले बयानों और हिंसक संघर्षों के वर्तमान दौर में करुणा और अहिंसा की बौद्ध शिक्षा अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बड़ी चुनौतियों से निबटने में मदद कर सकती है। शुक्रवार को यूएन के जनरन असेम्बली हॉल में भारत समेत 14 देशों के प्रतिनिधियों और बौद्ध भिक्षुओं ने अंतर्राष्ट्रीय बुद्धपूर्णिमा दिवस मनाया।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने बान की मून ने कहा कि भगवान बुद्ध की शिक्षा उनके जीवन में विवेक का बहुत बड़ा स्रोत रही है और उसे अपने परिवार के माध्यम से सीखने का उनका सौभाग्य रहा है क्योंकि उनकी मां एक समर्पित बौद्ध धर्मावलंबी हैं। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध का उपदेश ज्ञान का बहुत बड़ा स्रोत है।
बान ने कहा कि समाज को बांटने पर केंद्रित व्यापक जन आंदोलनों, हिंसक संघर्ष, उत्पीड़नकारी मानवाधिकार उल्लंघन और नफरत संबंधी बयानों के इस दौर में बुद्ध पूर्णिमा इस पर गौर करने का एक अमूल्य मौका प्रदान करती है। बौद्धदर्शन के उपदेश अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बड़ी चुनौतियों से निबटने में मदद कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि बौद्ध दर्शन विश्व को सभी जीवों के लिए प्यार और करुणा का पाठ पढ़ाता है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बौद्ध दिवस सभी लोगों के प्रति करुणा अपनाने की याद दिलाता है। जिसमें विभिन्न धर्मों तक पहुंचना, धर्मांधता को अस्वीकार करना और सभी लोगों को समान रूप से गले लगाना शामिल है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने कहा कि बुद्ध के सत्य, अहिंसा और शांति के मूल संदेश आज भी हर जगह प्रासंगिक बने हुए हैं।