क्या अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद कम हो जाएंगी बाइडन की चुनौतियां? यहां जानें
अमेरिका के लेबर डिपार्टमेंट केआंकड़ों पर गौर करे तो अप्रैल में यह बेरोजगारी का आंकड़ा 66 लाख के पार जा चुका था। ऐसे में बाइडन के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना और युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराना होगा।
नई दिल्ली: डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडन अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में भले ही जीत गये हो लेकिन उनके सामने चुनौतियां अभी भी खत्म नहीं हुई हैं। उनकी असल चुनौती राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद शुरू होने वाली है।
अमेरिका इस वक्त कोरोना की चपेट में है। वहां पर रोजाना बड़ी संख्या में कोरोना के नये केस सामने आ रहे हैं। जबकि दूसरी तरफ चीन के साथ अमेरिका के रिश्ते लगातार बिगड़ते ही जा रहे हैं।
चीन के बढ़ते प्रभुत्व को रोकना उनके लिए इतना आसान भी नहीं होगा। ऐसे में उन्हें अब एक साथ कई चुनौतियों का सामना करना होगा। अमेरिका की कमान संभालने के बाद उनको कई जंग एक साथ लड़नी होगी। आइए जानते हैं बाइडन के सामने कौन-कौन सी बड़ी चुनौतियां आने वाली हैं।
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1- कोरोना पर नियंत्रण
कोरोना वायरस ने अमेरिका को अपनी गिरफ्त में ले रखा है। रोजाना बड़ी संख्या में कोरोना के नये केस सामने आ रहे हैं। अमेरिका ने कोरोना महामारी की शुरुआत में इस पर काबू पाने के लिए कुछ दिनों के लिए लॉकडाउन किया था लेकिन उसका कोई खास फायदा अमेरिका को होते हुए नहीं दिख रहा है।
अमेरिका में आज जिस तरह के हालात हैं उसे देखते हुए भविष्य में एक बार फिर से लॉकडाउन लागू किये जाने की बात से इनकार नहीं किया जा सकता है।
बाइडन ने अमेरिका में कोरोना महामारी के प्रसार के लिए डोनाल्ड ट्रंप को दोषी ठहराया था। ऐसे में बाइडन के समक्ष बड़ी चुनौती होगी कि अमेरिका में कोरोना के प्रसार को कैसे रोका जाए।
2- बेरोजगारी कम करना और अर्थव्यवस्था़ में सुधार
जो बाइडन के लिए दूसरी सबसे बड़ी चुनौती कोरोना काल में पटरी से उतर चुकी अर्थव्यवस्था़ को वापस पटरी पर लाने का है। कोरोना के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए शुरू में कुछ समय के लिए लॉकडाउन भी लगाया गया था। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के पक्षधर नहीं थे।
उन्होंने खुद ही इसकी आलोचना की थी, जबकि विपक्ष ने लगातार देश में नए प्रतिबंधों की पैरवी की है। कोरोना काल में लॉकडाउन की वजह से अमेरिका के अंदर बेराजगारी की समस्या बढ़ी है।
अमेरिका में बड़े पैमाने पर बेरोजगार हुए हैं। अगर हम अमेरिका के लेबर डिपार्टमेंट केआंकड़ों पर गौर करे तो अप्रैल में यह बेरोजगारी का आंकड़ा 66 लाख के पार जा चुका था। ऐसे में बाइडन के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना और युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराना होगा।
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3- नस्लीय हिंसा के बाद बिखरे अमेरिकी समाज को एकजुट करने की चुनौती
अमेरिका में नस्लीय हिंसा के बाद बिखरे अमेरिकी समाज को फिर से एकजुट करना बाइडन के लिए बड़ी चुनौती साबित होगी।बीते दिनों अमेरिका में हुए नस्लीय हिंसा के बाद श्वेत और अश्वेत वर्ग पूरी तरह से अलग थलग हो गया है। रिपब्लिकन पार्टी खासकर डोनाल्ड ट्रंप अश्वेत आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के विरोध में थे।
उन्होंने इसे आतंकवादी घटना बताया था। अब जब बाइडन के हाथ में अमेरिका की कमान होगी, तब उनके समक्ष अमेरिकी समाज में सभी को एक साथ मिल जुलकर लेकर चलना लाना सबसे बड़ी चुनौती होगी।
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