वायरस का टीका: कोरोना से जूझ रहे विश्व को इजरायल से उम्मीद
इजरायल के रक्षा मंत्री के मुताबिक यह वैक्सीन मोनोक्लोनल तरीके से कोरोना वायरस पर हमला करती है और बीमार लोगों के शरीर के अंदर ही कोरोना वायरस का खात्मा कर देती है।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस से जूझ रहे पूरे विश्व के लिए एक सुखभरी खबर सामने आई हैं। कहा जा रहा है कि इजरायल ने वायरस का टीका बना लिया है। हालांकि अभी इसे इजरायल ने दुनिया के सामने नहीं रखा है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि इजरायल अपनी सारी चीजे छिपाकर रखने में आगे रहा है। इजरायल के जिस अत्याधुनिक डिफेंस बायोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ने कोरोना वायरस का टीका बनाया है, वह पूरी दुनिया में अपनी गोपनीयता के लिए जाना जाता है।
वैक्सीन शरीर के अंदर ही कोरोना वायरस का खात्मा कर देती है
इजरायल के रक्षा मंत्री के मुताबिक यह वैक्सीन मोनोक्लोनल तरीके से कोरोना वायरस पर हमला करती है और बीमार लोगों के शरीर के अंदर ही कोरोना वायरस का खात्मा कर देती है। यह इंस्टीट्यूट सीधे पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को रिपोर्ट करता है। किसी भी संकट में यह सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर काम करता है।
बतातें चलें कि डिफेंस इंस्टीट्यूट की स्थापना वर्ष 1952 में तत्कालीन प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार अर्नेस्ट डेविड बेर्गमान ने की थी। इस इंस्टीट्यूट में चिकित्सा विज्ञान की तकनीकों और संक्रामक बीमारियों से बचाव पर काम होता है। इजरायल में वैक्सीन और दवा बनाने का काम भी इस इंस्टीट्यूट के जिम्मे है।
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इजरायल का डिफेंस बायोलॉजिकल इंस्टीट्यूट
इजरायल का डिफेंस बायोलॉजिकल इंस्टीट्यूट दक्षिणी तेल अबीब से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नेस जिओना में है। इस इंस्टीट्यूट में 350 से ज्यादा लोग काम करते हैं जिनमें 150 वैज्ञानिक हैं। इसके दरवाजे बम निरोधक हैं और यह तभी खुलते हैं जब इन्हे स्वाइप किया जाता है। इसके लिए स्वाइप कार्ड दिए गए हैं। जिसके कोड हर दिन बदल दिए जाते हैं। हर महीने यहां काम करने वाले लोगों के स्वास्थ्य की गहन जांच की जाती है।
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बताया जाता है कि इंस्टीट्यूट में कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई है लेकिन इसके कारणों के बारे में आजतक खुलासा नहीं हुआ है। इजरायल का डिफेंस बायोलॉजिकल इंस्टीट्यूट दुनिया के सबसे रहस्मय लैब में एक माना जाता है। बताया जाता है कि इस इंस्टीट्यूट में इजरायल जैविक और केमिकल वीपन तथा ऐसे हमले से बचाव के लिए हथियार बनाता है।