Nancy Pelosi: कौन है नैंसी पेलोसी, जिन्होंने चीन की धमकी को दरकिनार कर ताइवान की धरती पर रखा कदम
Nancy Pelosi: चीन की तमाम धमकियों को धत्ता बताते हुए अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन हॉउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की स्पीकर नैंसी पेलोसी आखिरकार ताइवान आईं। ताइवान दौरे का आज उनका दूसरा दिन है।
Nancy Pelosi: चीन की तमाम धमकियों को धत्ता बताते हुए अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन हॉउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की स्पीकर नैंसी पेलोसी (House of Representatives Speaker Nancy Pelosi) आखिरकार ताइवान आईं। ताइवान दौरे (Taiwan Visit) का आज उनका दूसरा दिन है। ताइवान की संसद में उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान ऑर्डर ऑफ प्रॉपिटियस क्लाउड्स विद स्पेशल ग्रैंड कॉर्डन (Order of Propious Clouds with Special Grand Cordon) से सम्मानित किया गया। इससे पहले उन्होंने राष्ट्रपति साई इंग वेन (President Sai Ing Wen) से मुलाकात की। पेलोसी का ताइवान दौरा इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि 1997 के बाद वह पहली शीर्ष अमेरिकी राजनेता हैं, जो इस छोटे से देश की यात्रा पर आई हैं।
नैंसी के यात्रा को लेकर अमेरिका को शुरू से चेतावनी दे रहा था चीन
इस यात्रा को लेकर काफी पहले से ही अंतरराष्ट्रीय राजनीति का तापमान चढ़ा हुआ है। ताइवान को अपना हिस्सा बताने वाला चीन नैंसी के यात्रा को लेकर अमेरिका को शुरू से चेतावनी दे रहा था। यहां तक की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी राष्ट्रपति बाइडन के साथ बातचीत में ताइवान यात्रा को लेकर उन्हें चेता चुके थे। लेकिन ड्रैगन के चेतावनी और सैन्य कार्रवाई की धमकियों को दरकिनार करते हुए मंगलवार शाम पेलोसी का विमान ताइवान की राजधानी ताइपेई में लैंड किया।
चीन के साथ जारी भयानक तनाव के बीच अपनी इस यात्रा को लेकर अमेरिकी लोकसभा की स्पीकर 81 वर्षीय नैंसी पेलोसी चर्चा का विषय बनी हुई हैं। पूरी दुनिया में इस समय उनके अदम्य साहस की चर्चा हो रही है। यहां आपको बता दें पेलोसी का चीन के साथ मतातंतर काफी पुराना रहा है। वह अतीत में भी अपने एशियाई देशों के दौरे के दौरान चीन को चिढ़ा चुकी हैं। तो आइए जानते हैं नैंसी पेलोसी के बारे में ।
कौन हैं नैंसी पेलोसी
नैंसी पेलोसी अमेरिका की राजनीति का एक दिग्गज चेहरा हैं। वह दशकों से अमेरिकी सियासत में एक्टिव हैं और कई अहम पदों पर काम कर चुकी हैं। नैंसी का जन्म 26 मार्च 1940 को अमेरिकी राज्य मेरीलैंड के बाल्टीमोर शहर में हुआ था। पेलोसी एक रसूखदार सियासी परिवार से ताल्लूक रखती हैं। उनके पिता थॉमस डी' एलेज़ांद्रो जूनियर अमेरिका में बड़ी राजनीतिक हैसियत रखते थे। अपने पिता के छह संतानों में नैंसी इकलौती बेटी थीं। नैंसी के पांच भाई भी बड़े पदों पर काम कर चुके हैं। उनके पांचों भाईयों का देहांत हो चुका है। पेलोसी वाशिंगटन में पढ़ने के दौरान पॉल पेलोसी के संपर्क में आईं और बाद में उनसे विवाह कर लिया। दोनों के पांच संतान हैं।
सियासी सफर
ताइवान की यात्रा कर अंतरराष्ट्रीय कूटनीति को गरमा देने वाली नैंसी पेलोसी को सियासत विरासत में मिली थी। उनके पिता और भाई बाल्टीमोर के मेयर रह चुके हैं। इसके अलावा थॉमस डी' एलेज़ांद्रो जूनियर (नैंसी के पिता) कांग्रेस में पांच बार शहर का नेतृत्व भी कर चुके हैं। नैंसी 1987 में पहली बार कैलीफोर्निया से सांसद बनीं। डेमोक्रेटिक पार्टी से आने वाली नैंसी 2007 में तत्कालीन जॉर्ज बुश प्रशासन के दौरान हाउस स्पीकर चुनी गई थीं। 2019 में वह चौथी बार इस पद के लिए चुनी गई थीं। वह अमेरिकी इतिहास की पहली महिला हैं, जो निचले सदन की स्पीकर बनी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के बाद वह अमेरिकी सरकार में तीसरे सबसे बड़े पद पर काबिज हैं। इसलिए उनके ताइवान दौरे को काफी अहम माना जा रहा है। इस कद का अमेरिकी नेता इससे पहले 1997 में ताइवान दौरे पर गया था। तब तत्कालीन हाउस स्पीकर न्यूट गिनरिच ने इस छोटे से देश का दौरा किया था।
नैंसी ने चीन को खूब चिढ़ाया
नैंसी पेलोसी अपने सियासी जीवन में हमेशा से लोकतंत्र एवं मानवाधिकार की पैरोकारी करती रही हैं। इन दो वजहों से चीन के साथ उनके संबंध हमेशा से खराब रहे हैं। पेलोसी सत्ताधारी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के निरंकुश शासन के खिलाफ मुखरता से बोलती रही हैं। साल 1991 में बीजिंग दौरे के दौरान उन्होंने थियानमेन स्क्वॉयर पर एक बैनर लहराया था, इसमें लिखा था उसके लिए जो चीन में लोकतंत्र के लिए मारे गए। बता दें कि इसी थियानमेन स्क्वॉयर पर 1989 में लोकतंत्र की मांग कर रहे छात्रों पर चीनी सेना ने टैंक चढ़ा दिया था। इस घटना को लेकर आज भी चीन की काफी निंदा होती है।