फाइजर की कोरोना वैक्सीन को WHO की मंजूरी, आज भारत भी लेगा बड़ा फैसला

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने फाइजर वैक्सीन की समीक्षा के बाद कहा कि इससे सुरक्षा और प्रभावकारिता के लिए अवश्य ही मानदंड मिलना चाहिए।

Update: 2021-01-01 05:05 GMT
डब्ल्यूएचओ से परमिशन मिलने के बाद से अब दुनियाभर के देशों में फाइजर की कोरोना वैक्सीन के उपयोग के लिए का रास्ता साफ हो गया है।

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से फाइजर और बायोएनटेक की कोरोना वायरस की वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है।

डब्ल्यूएचओ ने आपातकाल में इसके इस्तेमाल की परमिशन दी है। डब्लूएचओ की ओर से कहा गया है कि वह दुनियाभर में स्थित अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से वहां के देशों से इस वैक्सीन के लाभ के बारे में बात करेगा।

वहीं, भारत में आज ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिलने की उम्मीद की जा रही है। इस बाबत आज अधिकारियों की बैठक होनी है।

डब्ल्यूएचओ से परमिशन मिलने के बाद से अब दुनियाभर के देशों में फाइजर की कोरोना वैक्सीन के उपयोग के लिए का रास्ता साफ हो गया है।

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इमरजेंसी यूज लिस्टिंग प्रॉसेस की शुरुआत

डब्ल्यूएचओ ने गरीब देशों तक कोरोना वैक्सीन को जल्द से जल्द पहुंचाने के लिए इमरजेंसी यूज लिस्टिंग प्रॉसेस को भी प्रारम्भ कर दिया है। इस लिस्ट में शामिल होने के बाद किसी भी कोरोना वैक्सीन को दुनियाभर के देशों में आसानी से इमरजेंसी के वक्त इस्तेमाल की अनुमति प्राप्त हो जाएगी।

अमेरिका के सैन डियागो के संक्रामक रोग विशेषज्ञ क्रिस्टियन रैमर्स ने बताया कि वैक्सीन ट्रायल से यह पता चल चुका है कि खुराक लेने के 10 से 14 दिनों के बाद ही व्यक्ति में इम्यूनिटी तैयार होती है।

वहीं, पूरी सुरक्षा के लिए दूसरी खुराक भी लेनी होती है।एक्सपर्ट्स ने इसपर कहा था कि वैक्सीन लगाए जाने के कुछ दिन बाद कोरोना पॉजिटिव होने की घटना अप्रत्याशित नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने फाइजर वैक्सीन की समीक्षा के बाद कहा कि इससे सुरक्षा और प्रभावकारिता के लिए अवश्य ही मानदंड मिलना चाहिए। फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन को अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और एक दर्जन अन्य देशों में पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।

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अमेरिका में फाइजर की वैक्सीन लगाने के कुछ ही दिन बाद एक नर्स को हुआ कोरोना

बताते चलें कि सबसे पहले फाइजर की कोरोना वैक्सीन को ब्रिटेन ने आपातकाल में उपयोग करने की अनुमति प्रदान की थी। उसके बाद अमेरिका ने भी इस वैक्सीन को अपनी स्वीकृति प्रदान की।

लेकिन, अमेरिका में फाइजर की वैक्सीन लगाने के कुछ ही दिन बाद एक नर्स के कोरोना पॉजिटिव होने का मामला भी सामने आया था।

उस शख्स की उम्र करीब 45 साल वर्ष थी।पुरुष नर्स ने बताया थाकि उन्हें 18 दिसंबर को कोरोना वैक्सीन लगाई गई थी। छह दिन के बाद उनमें कोरोना के लक्षण नजर आने लगे थे।

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